बिहार के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) अब इस दुनिया में नहीं रहे. आज उन्होंने दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली. रघुवंश प्रसाद ने बिहार के लिए एक सपना देखा था, जिसके बारे में उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Cm Nitish Kumar) को चिट्ठी भेजकर बताया था. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रघुवंश प्रसाद के सपने को साकार करने का वादा किया है. प्रधानमंत्री ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बिहार (Bihar) में पेट्रोलियम क्षेत्र की तीन प्रमुख परियोजनाओं का लोकार्पण करने के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर शोक जताया.
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मोदी ने रघुवंश प्रसाद को जमीन से जुड़ा और गरीबी को समझने वाला व्यक्ति बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के लिए संघर्ष में पूरा समय बिताने वाले रघुवंश बाबू के जाने से बिहार और देश की राजनीति में शून्य पैदा हुआ है. उन्होंने एम्स में भर्ती होने के दौरान रघुवंश प्रसाद द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे आखिरी पत्र की बातें को पूरा करने पर जोर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर विकास के कार्यों की सूची भी दी थी. बिहार के लोगों और बिहार की चिंता चिट्ठी में थी. मैं नीतीश कुमार से आग्रह करता हूं कि अपनी आखिरी चिट्ठी में उन्होंने जो भावनाएं प्रकट कीं, उसे परिपूर्ण करने के लिए आप और हम मिलकर पूरा प्रयास करें.'
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मोदी ने कहा, 'रघुवंश जी के भीतर अपने क्षेत्र के विकास की चिंता थी, उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री जी को अपनी एक विकास के कामों की सूची भेज दी. बिहार के लोगों की, बिहार के विकास की चिंता उस चिट्ठी में प्रकट होती है.' प्रधानमंत्री ने इस दौरान रघुवंश प्रसाद सिंह से अपने संपर्क को भी याद किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी संगठन में काम करने के दौरान उनसे नजदीक का परिचय रहा. जब वह केंद्रीय मंत्री थे, तो मैं गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर संपर्क में था.
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रघुवंश की चिट्ठी में क्या थीं मांगें?
रघुवंश प्रसाद ने नीतीश को लिखे पत्र महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में संशोधन करने, महात्मा बुद्ध का भिक्षा पात्र काबुल (अफगानिस्तान) से लाने और विश्व के पहले गणराज्य की भूमि वैशाली में (मुख्यमंत्री के) ध्वजारोहण करने सहित कई सुझाव दिए थे. उन्होंने मुख्यमंत्री को 26 जनवरी, 2021 को वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराने की मांग की थी. उन्होंने वैशाली के सभी तालाबों को जल-जीवन-हरियाली अभियान से जोड़ने का आग्रह किया था. गांधी सेतु पर गेट बनाने और उसपर 'विश्व का पहला गणतंत्र वैशाली' लिखने का आग्रह किया था.
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रघुवंश प्रसाद सिंह के बारे में
बता दें कि रघुवंश प्रसाद ने वैशाली लोकसभा सीट का पांच बार प्रतिनिधित्व किया. हालांकि, उन्हें 2014 और 2019 के आम चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा था. रघुवंश प्रसाद संप्रग-1 में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे थे और मनरेगा योजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रख्यात समाजवादी नेता और लालू के उतार-चढ़ाव भरे राजनीतिक सफर में उनके साथ मजबूती से खड़े रहे सिंह का राजद छोड़ना मुख्य विपक्षी पार्टी के लिये एक बड़ा झटका है. इससे राजपूत जाति में पार्टी के प्रति समर्थन पर भी असर पड़ सकता है.
Source : News Nation Bureau