बिहार में मानसून शुरू होने के बाद भी वहां के लोग परेशान हैं क्योंकि जुलाई माह खत्म होने को है, लेकिन अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई है. बिहार के कई जिले ऐसे हैं, जहां अब तक 50 फीसदी से भी कम बारिश हुई है. पिछले तीन दशकों की बात करें तो खासकर जुलाई महीने में औसत बारिश में 112 मिमी की कमी आई है, यही वजह है कि किसानों को सूखे की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 1981 से 90 के दशक में बिहार में जुलाई महीने में औसतन 426 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जबकि इसके मुकाबले अगले 3 दशकों तक बिहार में 314 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके साथ ही जुलाई महीने में बारिश का अनुपात धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, जिससे किसानों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
आपको बता दें कि 2021 में जुलाई महीने में 258 मिमी बारिश हुई थी, जबकि 2022 में 134 मिमी और 2023 में 112 मिमी बारिश दर्ज की गई है, यानी पिछले कई सालों से जुलाई महीने पर नजर डालें तो बारिश का अनुपात धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. बता दें कि, 1981 से 90 के दशक में जो बारिश का अनुपात 426 मिलीमीटर था वह 2023 में 112 मिलीमीटर हो चुका है, जिसके बाद लोग काफी परेशान हैं. खास कर के किसानों को ज्यादा परेशानी हो रही है.
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इसके साथ ही आपको बता दें कि बिहार राज्य के कई जिले सूखे की चपेट में हैं, खेत सूखे पड़े हैं, किसान इंतजार कर रहे हैं कि कब बारिश होगी. पटना के किसान शशिकांत कहते हैं कि उन्हें इंतजार है कि भगवान बारिश करें और उनके खेतों में धान की रोपनी शुरू हो, अगर अगले 10 दिनों तक बारिश नहीं हुई तो पूरे साल खेत खाली रहेंगे. साथ ही दोबारा धान रोपना संभव नहीं होने से किसानों के सामने पेट भरने की भी समस्या उत्पन्न हो जायेगी.
HIGHLIGHTS
- बिहार में 3 दशकों से टूट रहा रिकॉर्ड
- अच्छी बारिश नहीं होने से किशन परेशानी
- 30 सालों से जुलाई में कम हो रही बारिश
Source : News State Bihar Jharkhand