पूरे देश में मानसून की दस्तक हो गई है. बिहार में भी कई जिलों में बारिश का दौर शुरू हो गया है. हालांकि लोगों को उम्मीद थी कि बारिश से उन्हें गर्मी से राहत मिलेगी, लेकिन राहत अब आसमानी आफत बन गई है और इस सब के बीच शासन-प्रशासन की बदइंतजामी लोगों के लिए दोहरी मार से कम नहीं है. बारिश का ऐसा प्रहार हुआ है कि सड़क, गलियां, गांव और घर... सब जलमग्न हो गए हैं. देश के कई राज्यों में मॉनसून की एंट्री हो गई है और मानसून अब अपने पूरे शबाब पर है. बिहार के कई जिलों में भारी बारिश के बाद हालात बदतर हो गए हैं और मानसून की पहली बारिश ने ही बिहार में शासन और प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है.
कई इलाकों में धंसी सड़क
महज कुछ घंटे की बारिश में राजधानी पटना के VVIP इलाकों में जल जमाव हो गया है. कई रिहायशी इलाकों की सड़क भी धंस गई. एक जगह तो जज साहब के बाल-बाल बचने की खबर भी है. दरअसल पटना के वीर चंद्र पटेल मार्ग पर पटना हाईकोर्ट के जज रहते हैं. उन्होंने सुबह 4 बजे कैब बुक की और उस वक़्त बारिश बहुत तेज हो रही थी और ऐसे में जब कैब उन्हें लेने उनके घर तक पहुंची तभी सड़क बीच से धंस गई और गाड़ी सड़क के अंदर जा घुसी.
सुपौल में सड़कों पर जलजमाव
सुपौल में 2 दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश आफत बन गई है. इस बीच सुपौल नगर परिषद के ज्यादातर हिस्सों में सड़कों पर जलजमाव हो गया है. सबसे बदतर हालत वीणा रोड की है. जहां इंजीनियरिंग कॉलेज और पारा मेडिकल संस्थान जाने वाली मुख्य सड़क पानी पानी हो चुकी है. जर्जर सड़क पर जलजमाव हादसे को दावत दे रहा है. लोगों की आवाजाही ठप हो गई है.
उफान पर कोसी
इस बीच बारिश के बाद कोसी भी उफान पर है. सुपौल में बारिश हो रही है साथ ही नेपाल में भी रुक रुककर बारिश हो रही है. जिसके वजह से नदी में जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बीच कोसी बराज से 95 हजार 515 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हो चुका है. जिसके बाद नदी के आस-पास के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. कुल मिलाकर बिहार के ज्यादातर जिलों में मानसून की बारिश कहर बनकर बरस रही है. बारिश के प्रहार के बीच प्रशासन की लापरवाही की दोगुनी मार जनता झेलने को मजबूर हैं.