लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में एनडीए के नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण होने जा रहा है. लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान को इस बार भी मोदी मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है. 2014 की मोदी सरकार में पासवान के पास उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय था. इससे पहले चर्चा थी कि 2019 की मोदी कैबिनेट में रामविला की जगह उनके बेटे चिराग पासवान को जगह मिल सकती है. लेकिन खुद चिराग पासवान ने इस बात को स्पष्ट किया था कि उनके पिता ही कैबिनेट का हिस्सा बनेंगे.
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2019 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान की पार्टी (एलजेपी) ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा. उसने सभी सीटों पर जीत दर्ज की. रामविलास पासवान ने साल 2000 में जनता दल यूनाइटेड (JDU) से अलग होकर एलजेपी बनाई थी. देश में गठबंधन की सियासत के महारथियों की चर्चा हो तो उसमें रामविलास पासवान का नाम अग्रिम पंक्ति में लिया जाता है.
रामविलास पासवान 1969 में पहली बार बिहार से राज्यसभा सांसद बने. वे सोलहवीं लोकसभा में बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पहुंचे थे. रामविलास पासवान भारतीय दलित राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक हैं. भारतीय राजनीति में रामविलास पासवान का कद काफी बड़ा है और वो यूपीए व एनडीए की सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं.
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सरकार कोई भी हो, राम विलास पासवान मंत्री जरूर रहे. मनमोहन सिंह सरकार (2004-2009) में उन्हें केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री बनाया गया था. इससे पहले 1996-1998 में रामविलास पासवान ने रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी. वो अटल विहारी वाजपेयी सरकार (1999- 2000) केंद्रीय सूचना एवं प्रचारण मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा 2001-2002 में वो केंद्रीय खनिज मंत्री रहे हैं.
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