बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक आश्रय गृह में कई लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले में सजायाफ्ता रामानुज ठाकुर की मौत हो गई है. तिहाड़ जेल के सूत्रों ने बताया है कि रामानुज ठाकुर की उम्र 70 साल थी. 3 दिसंबर को उसकी मौत हुई थी. रामानुज इस कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का मामा लगता था. सूत्रों ने बताया है कि रामानुज की नेचुरल मौत है. दोषी रामानुज ठाकुर को 23 फरवरी 2019 को तिहाड़ जेल में लाया गया था. यहां उसे जेल नम्बर-3 में रखा गया था.
ज्ञात हो कि यह मामला आश्रय गृह में कई लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाओं से जुड़ा हुआ था, जिसे टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान(टीआईएसएस) के छात्रों ने उजागर किया था. मुजफ्फरपुर का मामला सेवा संकल्प एवं विकास समिति के तहत चलने वाले एक आश्रय गृह से संबंधित है, जहां यौन शोषण, दुष्कर्म और यातना के मामले दर्ज किए गए थे.
एक चिकित्सा परीक्षण में आश्रय में रहने वाली 42 लड़कियों में से 34 के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी. इस मामले में 31 मई, 2018 को कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसी साल जनवरी में दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के मालिक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 19 लोगों को दोषी करार दिया था. जिनमें से 11 दोषियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.
Source : News Nation Bureau