बिहार के शिक्षामंत्री प्रो. चंद्रशेखर को बिहार के आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद का समर्थन मिल गया है. जगदानंद ने कहा कि आरजेडी पूरी तरह से प्रो. चंद्रशेखर के साथ खड़ी है और कमंडल वालों के खिलाफ हमारी मुहिम जारी रहेगी. इससे पहले शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने एक बार फिर से अपने बयान पर कायम रहने की बात कहते हुए कहा कि मेरा बयान बहुजनों के हक में है और मैं उस पर अडिग व कायम रहूंगा. ग्रंथ की आड़ में गहरी साजिश से देश में जातीयता व नफरत का बीज बोने वाले बापू के हत्यारों के प्रतिक्रिया की परवाह नहीं करता. वे इस कटु सत्य को भी विवादित बयान समझते हैं तो यह उनकी समझ हो सकती है.
प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि माता शबरी के जूठे बेर खाने वाले राम अचानक रामचरितमानस में आते ही इतने जातिवादी कैसे हो जाते हैं? किसके फायदे के लिए राम के कंधे पर बन्दूक रखकर ये ठेकेदार चला रहे हैं? यही ठेकेदार हैं जो एक राष्ट्रपति को जग्गनाथ मंदिर घुसने से रोकते, जीतन राम मांझी जी के मंदिर जाने पर मंदिर धोते? उन्होंने आगे कहा कि राम व रामचरितमानस दोनों में ज़मीन आसमान का अंतर है! मैं उस श्री राम की पूजा करता हूँ जो माता शबरी के जूठे बेर खाते हैं, जो माँ अहिल्या के मुक्तिदाता हैं, जो जीवन भर नाविक केवट के ऋणी रहते हैं, जिनकी सेना में हाशिये के समूह से आने वाले वन्यप्राणी वर्ग सर्वोच्च स्थान पर रहते हैं!
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चेंद्रशेखर ने आगे कहा कि मैं उस रामचरितमानस का विरोध करता हूँ जो हमें यह कहता है की जाति विशेष को छोड़ कर बाक़ी सभी नीच हैं! जो हमें शूद्र और नारियों को ढोलक के समान पिट पिट कर साधने की शिक्षा देता है! जो हमें गुणविहीन विप्र की पूजा करने एवं गुणवान दलित, शूद्र को नीच समझ दुत्कारने की शिक्षा देता है! उन्होंने कहा कि राम शबरी के जुठे बैर खाकर सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करते हैं. अब आप बताइए और सोचिए इतने उदारवादी और समाजवादी राम अचानक से रामचरितमानस में आकर शूद्रों को ढोलक की तरह पीटकर साधने की बात क्यों करने लगते हैं? इस फर्जी पुस्तक से किसे फ़ायदा पहुँच रहा है? सवाल तो करना होगा न!
विपक्षियों पर हमला करते हुए प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि मेरे बयान के बाद से ठेकेदारों के पेट में मरोड़ आ रही है. अरे वे परेशान होंगे ही. उन्होंने तो मंदिरों से ख़ूब माल छापे है. सवाल दलितों-वंचितों का है जिन्हें तुम मंदिर में घुसने से रोकते हो! एक कहावत भी है न-'लोहे का स्वाद लोहार से मत पूछो, उस घोड़े से पूछो जिसके मुँह में लगाम है'.
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यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का जिक्र करते हुए प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि एक पूर्व सीएम श्री अखिलेश यादव जी के आवास खाली पर उसे गंगाजल से किन लोगों ने धोया था और क्यों? क्योंकि अखिलेश बाबू पिछड़े समाज से हैं! आवास धुलवाने वाले लोग ही भगवान राम को अपनी घटिया राजनीति हेतु गलत श्लोक-चौपाई लाकर जातीय भेदभाव फैलाते आए हैं दशकों सालों से!
वहीं, बीएसपी चीफ मायावती का जिक्र करते हुए कहा कि बहन मायावती जी पर आरएसएस-भाजपा के एक जातिवादी नेता ने ऐसा बयान दिया जो एक महिला के लिए सबसे गन्दी गाली होगी. वैसे नेता पर कार्रवाई करने के नाम पर BJP ने केवल दिखावा किया. क्यों? क्योंकि मायावती जी दलित समाज की योद्धा महिला हैं! एक दलित महिला शीर्ष पर कैसे गई इससे BJP को दर्द है.
प्रभु श्रीराम और रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री का बयान अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। भगवान श्री राम करोड़ों भारतीय के आराध्य देव हैं। भाजपा प्रभु श्रीराम का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती है। उन्हें अविलंब अपने बयान पर लिए पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए। pic.twitter.com/dDmUFwU60v
— Samrat Choudhary (@SMCHOUOfficial) January 12, 2023
बीजेपी ने कहा-शिक्षा मंत्री को माफी मांगनी चाहिए
बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने प्रो. चंद्रशेखर पर करारा पलटवार किया है. उन्होंने प्रो. चंद्रशेखर से माफी मांगने की मांग की है. सम्राट चौधरी ने कहा है कि प्रभु श्रीराम और रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री का बयान अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. भगवान श्री राम करोड़ों भारतीय के आराध्य देव हैं. भाजपा प्रभु श्रीराम का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती है. उन्हें अविलंब अपने बयान पर लिए पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.
HIGHLIGHTS
- रामचरितमानस पर नहीं थम रहा विवाद
- प्रो. चंद्रशेखर के समर्थन में आए जगदानंद सिंह
- बीजेपी पर बिना नाम लिए बोला हमला
- बीजेपी ने शिक्षा मंत्री से की देश से माफी मांगने की मांग
Source : News State Bihar Jharkhand