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चुनावी साल में पोस्टर पॉलिटिक्स, राजद ने बीजेपी-जदयू की सरकार पर किया कटाक्ष

बिहार में इस चुनावी साल में हर रोज एक नया राजनीतिक मुद्दा और इनमें सबसे आगे पोस्टर्स. जी हां, बिहार में पोस्टर वाली पॉलिटिक्स ने जोर पकड़ रखा है.

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Dalchand Kumar
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चुनावी साल में पोस्टर पॉलिटिक्स, राजद ने बीजेपी-जदयू की सरकार पर किया कटाक्ष

चुनावी साल में पोस्टर पॉलिटिक्स, राजद ने बीजेपी-जदयू पर किया कटाक्ष( Photo Credit : News State)

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बिहार में इस चुनावी साल में हर रोज एक नया राजनीतिक मुद्दा और इनमें सबसे आगे पोस्टर्स. जी हां, बिहार में पोस्टर वाली पॉलिटिक्स ने जोर पकड़ रखा है. अमूमन शहरों में राजनीतिक दलों के कार्यक्रम से जुड़े पोस्टर्स दिखते हैं, मगर पटना में इन दिनों पोस्टर्स ऐसे लग रहे जो राजनीतिक दलों पर कटाक्ष करते दिख रहे हैं. इन रोचक पोस्टर्स ने सभी का ध्यान आकर्षित कर रखा है. पोस्टर के जरिये कोई किसी का मज़ाक बनाता तो कोई जनता तक अपनी बात पहुंचाता. बिहार में जदयू और भाजपा की सरकार जिसे डबल इंजन की सरकार का नाम दिया गया है, यानी एक साल केंद्र में और दूसरी सरकार बिहार में. इसी पर कटाक्ष करते हुए इस बार सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से पोस्टर लगाया गया है.

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मुख्य विपक्षी दल राजद ने अपने कार्यालय के बाहर ट्रबल इंजन के नाम से पोस्टर लगाया है. ट्रेन के दो इंजनों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की तस्वीर लगी है. इसके जरिए सरकार की नाकामियों को दर्शाने की कोशिश की गई है. पोस्टर पर लिखा, 'बिहार को बर्बाद करने वाला ट्रबल इंजन.' साथ ही ट्रेनों के नाम लूट एक्सप्रेस और झूठ एक्सप्रेस दिया गया है. राजद के प्रवक्ता मृत्युन्जय तिवारी ने इस पोस्टर को आज के बिहार सरकार की सच्चाई को प्रदर्शित करने के लिये उपयुक्त बताया है. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की बातकर इन लोगों ने बिहार के लोगों को बेवकूफ बनाया है.

इस पोस्टर के लगते ही सत्तारुढ दल भी तिलमिला उठा. भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता निखिल आनंद का मानना है कि ये पोस्टर राजद के नेताओं की बुद्धिमत्ता को दर्शाते हैं. जिस सरकार में ग्रोथ रेट ने राजद सरकार की तुलना में नई उंचाई छुईं और जिस सरकार ने सुशासन की नई लकीर खींचीस उन पर ये पोस्टर लगाना गलत है. इधर, जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन भी पोस्टर से खफा हैं. वो कहते हैं कि इस सरकार ने जो काम कर दिया, उसकी परिकल्पना राजद के लोग कर ही नहीं सकते.

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गौरतलब है कि बिहार में इस बार नए साल की शुरुआत ही पोस्टर वार से शुरू हुई थी. चुनावी साल होने की वजह से सियासी दलों में आरोप-प्रत्यारोप के अब तक लगभग 10 बार राजधानी पटना में लग चुके हैं. बहरहाल, देखना यह है कि इस चुनावी साल में बिहार की जनता को पोस्टर खूब लुभाएंगे और तय है कि जनता के लिये चर्चा को ये मुद्दा भी छोड़ जाएंगे. 

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