बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दो दिन बाद नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी, लेकिन उससे पहले ही महागठबंधन पूरी तरह से बिखरता नजर आ रहा है और छोटे दलों के छोटे गठबंधन आकार ले रहे हैं. इसी तर्ज पर आज राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) ने महागठबंधन का साथ छोड़कर मायावती के दल बहुजन समाज पार्टी के साथ नया गठबंधन बना लिया है. बिहार के सियासी दंगल में आए नए गठबंधन में बसपा और आरएलएसपी के अलावा जनवादी पार्टी सोशलिस्ट पार्टी भी शामिल है.
आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया है और साथ दी सूबे में सरकार बनाने का दावा किया है. कुशवाहा ने कहा कि हमने बेहतर विकल्प देने का निर्णय लिया है, जिसमें मायावती जी के आशीर्वाद के साथ बहुजन समाज पार्टी और जनवादी पार्टी सोश्लिस्ट के साथ ये नया गठबंधन हम तीनों ने बनाया है. कुशवाहा ने अपने गठबंधन का नारा भी दे दिया है. उनका नारा है- 'अबकी बार शिक्षा वाली सरकार'
पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि महागठबंधन में नेतृत्व पर फैसला नहीं हो रहा था और जिस नेतृत्व की बात वहां हो रही है, हमें मंजूर नहीं है. उन्होने कहा, 'हमने महागठबंधन में कोशिश की व्यवस्था बदले, मगर वहां भी कुछ नहीं हुआ. हम शिक्षा की बात करते थे मगर वहां तो पूर्व मुख्यमंत्री अपने दोनों बेटे को भी दसवीं पास कर पाए. भाजपा और राजद के बीच कुछ चल रहा है, इसकी सब जगह चर्चा है. जनता दोनों से मुक्ति चाहती है.'
उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 15 साल से नीतीश कुमार बिहार को रसातल में पहुंचा रहे हैं. हमारी चिंता है कि कैसे बिहार को नीतीश कुमार के कुशासन से बाहर लाया जाये और बिहार को मुक्त कराया जाए. वहीं बसपा के बिहार प्रभारी रामजी सिंह गौतम ने कहा कि ये गठबंधन उत्तर प्रदेश में जो बहन मायावती की विकास और न्याय वाली सरकार थी, वैसी ही सरकार का निर्माण बिहार में किया जाएगा. ये क्रांतिकारी गठबंधन है. गौतम ने आगे कहा कि बिहार के लोगों को नया विकल्प मिला है, जो प्रदेश को नयी गति देगा.