बिहार में सियासत का नया रंग दिख रहा है. सत्तारूढ़ दल जदयू के राज्यसभा सांसद और केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह की किस्मत अचानक पलट गई. जिस आरसीपी के इर्दगिर्द बिहार की सत्ता करीब डेढ़ दशक तक घूमते रही अब उसी सत्तारूढ़ दल जदयू में आरसीपी सिंह को दरकिनार किया जा रहा है. 7 जुलाई को राज्यसभा में आरसीपी का कार्यकाल खत्म हो रहा है, मगर CM नीतीश कुमार ने आरसीपी के बजाय झारखंड के जदयू प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो को राज्यसभा भेज दिया.
बात यहीं खत्म नहीं हुई, उसके बाद विधान पार्षद संजय कुमार सिंह के बंगले को मुख्य सचिव के नाम से कर्णांकित किए जाने की अधिसूचना जारी हो गई. जिस वक्त आरसीपी सिंह को राज्यसभा नहीं भेजे जाने का निर्णय जदयू ने लिया था उसी समय से यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि केंद्रीय इस्पात मंत्री को 7 स्ट्रैंड रोड का बड़ा बंगला खाली करना पड़ेगा. आखिरकार मंत्रियों के आवासीय इलाके में अब आरसीपी सिंह का ठिकाना नहीं रहेगा. पिछले 12 वर्षों से आरसीपी सिंह इस बंगले में रह रहे थे, जो एमएलसी संजय कुमार के नाम पर आवंटित था.
जबरन बंगला खाली
हद ये हो गई कि रविवार की मध्यरात्रि आरसीपी सिंह के बंगले को जबरन खाली करा दिया गया. आरसीपी सिंह दिल्ली में और यहां सरकारी गलियारे से उनका बोरिया बिस्तर समेट दिया गया. जिस बंगले में 12 वर्ष से आरसीपी सिंह रह रहे थे वहां से बड़े बेआबरू होकर निकले. इस बंगले को आरसीपी ने अपने अनुसार तैयार कराया था, इसके लॉन में जदयू की बैठकें हुई करती थीं. आरसीपी का दरबार सजा करता था, अब उसी पार्टी ने आरसीपी को इस कदर दरकिनार किया है कि कहीं का नहीं छोड़ा.
आरसीपी सिंह ने क्या कहा
इधर, दिल्ली में आरसीपी सिंह एक बैठक में जा रहे थे, जब पत्रकारों ने सवाल किया तो आरसीपी तमतमाए हुए थे, बस इतना कहा जवाब दूंगा, अभी बैठक में जा रहा हूं, लौट कर बात करूंगा.
Source : Rajnish Sinha