बिहार में कोरोना मौत के आंकड़ों को छिपाने के मामले में नीतीश सरकार घिरती हुई नजर आ रही हैं. राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के बाद से ही विपक्ष अक्सर आंकड़ों में घालमेल का आरोप लगाकर हमलावर रहा है. इस बीच बुधवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों में अचानक मरने वालों की संख्या में हुई वृद्धि को लेकर एकबार फिर राज्य की सियासत गर्म हो गई. बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. लालू यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'बन आंकड़ों का दर्जी, घटा-बढ़ा दिया मनमर्जी, फर्ज भुला नीतीश बने फर्जी, अपार हुई जगहंसाई, फिर भी शर्म ना आई.'
स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में कोरोना से अब तक 9429 लोगो की मौत हो चुकी है. जबकि मंगलवार को जारी आंकडों के मुताबिक कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 5,458 दर्ज की गई थी. आंकडों के मुताबिक सात जून को मरने वालों की कुल संख्या 5,424 थी.
इधर, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि कोरोना के कारण होनेवाली मौत की फिर से जांच कराई गई, जिससे यह आंकडा बढ़ा है. उन्होंने कहा कि मौत के नये मामलों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा 18 मई को गठित मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्य और जिलों में सिविल सर्जनों की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर जोड़ा गया है.
उन्होंने बुधवार को बताया कि सामान्य रूप से प्रतिदिन कोरोना से होनेवाली मौत के आंकड़े एकत्र किये जा रहे हैं. इसके अनुसार सात जून तक राज्य में कुल 5,424 लोगों की मौत के आंकड़े मिले थे. सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेजों द्वारा नये सिरे से कोरोना से होनेवाली मौत की पड़ताल की गई. अब राज्य में कोरोना से होनेवाली मौत का आंकड़ा 9,375 (सात जून तक) हो चुका है.
इधर, राज्य में अचानक मरने वालों की संख्या में हुई वृद्धि के बाद सियासत गर्म हो गई है.
विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गृरुवार को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, '' नीतीश जी, इतनी झूठ मत बोलिए और बुलवाइए कि उसके बोझ तले दबने के बाद कभी उठ ना पाएं. जब फंसे तो एकदम से एक दिन में 4000 मौतों की संख्या बढ़ा दी. नीतीश सरकार मौतों का जो आंकड़ा बता रही है, उससे 20 गुणा अधिक मौतें हुई है. नीतीश सरकार ही फर्जी है तो आंकड़े भी तो फर्जी होंगे.''
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इधर, जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव के ट्विटर हैंडल से सवालिया लहजे में ट्वीट कर लिखा गया, '' बिहार में मौत घोटाला ! पटना में कल 1000 से अधिक लोगों की कोरोना से मौत की क्या है सच्चाई? कहा जा रहा है कि पहले मौत के आंकड़ों को छुपाया गया था, अब उन्हें जारी किया गया है. आखिर यह खेल किसका है? स्वास्थ्य विभाग में मौत के आंकड़ों का घोटाला कौन कर रहा है?''
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि 18 मई को ही बिहार सरकार ने कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों को लेकर जांच कराने का फैसला किया था. जिसके बाद दो टीमें बनाई गई थीं, जिन्होंने अस्पतालों में हुए मौतों और दूसरी जगहों जैसे आइसोलेशन सेंटर, होम आइसोलेशन, कोविड केयर सेंटर और अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में हुई मौतों का रिकॉर्ड तैयार करवाया गया.
Source : News Nation Bureau