बिहार में श्याम रजक ने आरजेडी छोड़ जेडीयू का दामन थाम लिया है. वह रविवार को जेडीयू के प्रदेश कार्यलय में पहुंचकर पार्टी में शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि जेडीयू से जुड़कर वह नीतीश कुमार के साथ मिलकर जिम्मेदारी संभालेंगे. वहीं दूसरी ओर रजेडी के वरिष्ठ नेता श्याम रजक का एक बार फिर से जेडीयू का हाथ थामना अब बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है.
जेडीयू में शामिल होने के फैसले पर श्याम रजक ने बताया कि उन्होंने अपनी सोच और विचारों को नीतीश कुमार की सोच से जोड़ने का निर्णय लिया है. उन्होंने आगे कहा कि समाज के सबसे पिछड़े वर्ग के लिए वह काम करना चाहते हैं. बता दें कि श्याम रजक ने इशारों-इशारों में लालू यादव पर कटाक्ष किया था. इसके साथ ही हमला बोलते हुए कहा था कि आरजेडी परिवारवाद की राजनीति करती है, जहां कार्यकर्ताओं का ध्यान नहीं रखा जाता है सिर्फ परिवार पर फोकस जाता है.
RJD में रहकर हो रही थी घुटन
श्याम रजक ने JDU में शामिल होने पर कहा कि उन्होंने पहले भावावेश में आकर जदयू को छोड़ दिया था. लेकिन चार सालों से लगातार वह घुटन में जीने को मजबूर थे. क्योंकि वहां एक ही परिवार की बात चलती है. उन्होंने बताया कि आरजेडी में उन्हें अपमानित किया जाता था. इसके अलावा उन्होंने नीतीश कुमार की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि बिहार के सभी इलाकों में नीतीश कुमार के नेतृत्व में काफी काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि वहां रहते हुए भी फुलवारी शरीफ की जनता चिंता लगी रही क्योंकि उनका बहुत प्यार और समर्थन मिला। कहा कि नीतीश कुमार के साथ काम करने का मौका सौभाग्य की बात है.
फुलवारी शरीफ सीट से लड़ने के हैं आसार
संभावना जताई जा रही है कि श्याम रजक इस बार भी फुलवारी शरीफ सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. क्योंकि वह कई बार फुलवारी शरीफ सीट से विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. वह कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. उन्होंने आरजेडी और जेडीयू दोनों दलों का जिम्मा संभाल रखा है. श्याम रजक ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 के दशक में की थी, जब वे जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में समाजवादी आंदोलन से जुड़े थे. उसके बाद में उन्होंने आरजेडी में शामिल होकर 2000 में बिहार सरकार में मंत्री का पद संभाला. 2015 में श्याम रजक ने आरजेडी को छोड़ दिया और जेडीयू में शामिल हो गए. वे 2017 तक जेडीयू में रहे और उसके बाद फिर से आरजेडी में शामिल हो गए थे.