लद्दाख (Ladakh) में चीन के साथ टकराव पर चर्चा के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने से बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भड़क गई है. राजद ने बैठक का न्योता न मिलने पर आपत्ति जताई है. शुक्रवार को इसके विरोध में मनोज झा और मीसा समेत के साथ राजद नेताओं ने संसद के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया. राजद (RJD) के सांसद मनोज झा ने कहा कि हम परेशान हैं, क्योंकि हमें गलवान घाटी में हुई झड़प को लेकर पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है.
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बता दें कि राजद के राज्यसभा में पांच सदस्य हैं, हालांकि लोकसभा में उसका कोई सदस्य नहीं है. राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने ट्वीट कर कहा कि पांच सदस्यों के तर्क का खुलासा हो गया. उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी, अपना दल, शिरोमणि अकाली दल, भाकपा और नेशनल कॉन्फ्रेंस का उदाहरण दिया जिन्हें सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित किया गया है, जबकि राजद की तुलना में उनके कम सांसद हैं.
राजद शुरू से भाजपा की मुखर विरोधी पार्टी रही है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद की सबसे बड़ी पुत्री और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती ने एक ट्वीट साझा किया, 'जो सवाल दागेंगे, साहब उससे भागेंगे. अल्पदलीय खानापूर्ति और अल्पदलीय ढोंग.'
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उधर, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस पर सवाल उठाए. उन्होंने निराशा जताते हुए कहा कि संसद में पांच सदस्य होने और बिहार में सबसे बड़ा दल होने के बावजूद उनकी पार्टी की अनदेखी की गई. तेजस्वी यादव ने कहा, 'हम चाहते हैं (रक्षा मंत्री) राजनाथ सिंह जी स्पष्ट करें कि राजद को क्यों आमंत्रित नहीं किया गया है.' वहीं राजद के वरीय नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, 'ये आश्चर्य की बात है. प्रधानमंत्री की ओर से खबर आई थी कि सर्वदलीय बैठक सभी पार्टी के नेताओं को बुलाकर होगी और चीन के साथ जो हमारा मसला है, उस पर बातचीत होगी, लेकिन क्षेत्रीय पार्टी को क्यों अलग रखा जा रहा है?'
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