आरजेडी एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी की बिहार विधान परिषद की सदस्यता रद्द कर दी गई और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है. आपको बता दें कि राम बली ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. वहीं, मंगलवार को इसे जुड़ा फैसला पत्र सामने आया. आरजेडी के सचेतक सुनील कुमार सिंह ने सभापति को पत्र लिखकर रामबली सिंह की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. जिस पर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने फैसला सुनाते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी.
आरजेडी एमएलसी की सदस्या हुई रद्द
बता दें कि सुनील कुमार सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि बिहार विधानसभा में आरजेडी के विधायकों के द्वारा द्विवार्षिक चुनाव में दल के उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित किए गए थे और आरजेडी का सदस्य रहते हुए उन्होंने विधानमंडल दल के नेता पर मनगढ़ंत आरोप लगाया था कि तेजस्वी यादव भी शराब पीते हैं. इतना ही नहीं उन्होंने अति पिछड़ी समाज को खंडित करने के उद्देश्य से तेली, दांगी जाति को मूल अति पिछड़ी जाति की श्रेणी से अलग करने के संबंध में भी बयान दिया था और बेनर पोस्टर लगाकर पदयात्रा किया.
नीतीश और लालू पर किया था आपत्तिजनक टिप्पणी
इस कार्यक्रम में ना तो अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह पोस्टर में लगाया और ना ही दल का झंडा लगाया. इसके साथ ही उन्होंने जाति आधारित गणना के खिलाफ भी बयान देते हुए कहा कि नीतीश सरकार ने जाति आधारित गणना में बड़ी चालाकी से घालमेल किया है. 2 नवंबर, 2023 को सुनील सिंह की सदस्यता रद्द करने के लिए विधान परिषद में आवेदन दिया गया था. जिसके बाद रामबली सिंह ने विधान परिषद अध्यक्ष को 15 दिसंबर को सफाई पेश की थी. विधान परिषद के सभापति ने मामले में सुनवाई की और 6 फरवरी को अपना फैसला सुनाया, जिससे जुड़ा हुआ पत्र भी जारी कर दिया गया है.
आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से झटका
बिहार के पूर्व डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड के हत्यारोपी आनंद मोहन को जेल से रिहाई तो मिल चुकी है, लेकिन एक बार फिर उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है. रिहाई के बाद आनंद मोहन पर सुप्रीम कोर्ट की गाज गिरी है. बता दें कि जी. कृष्णैया की पत्नी उमा देवी कृष्णैया ने आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिक दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है.
HIGHLIGHTS
- आरजेडी एमएलसी की सदस्या हुई रद्द
- नीतीश और लालू पर आपत्तिजनक टिप्पणी
- सभापति ने पत्र जारी कर सुनाया फैसला
Source : News State Bihar Jharkhand
आरजेडी एमएलसी की सदस्या हुई रद्द, नीतीश और लालू पर आपत्तिजनक टिप्पणी
आरजेडी एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी की बिहार विधान परिषद की सदस्यता रद्द कर दी गई और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
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आरजेडी एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी की बिहार विधान परिषद की सदस्यता रद्द कर दी गई और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है. आपको बता दें कि राम बली ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. वहीं, मंगलवार को इसे जुड़ा फैसला पत्र सामने आया. आरजेडी के सचेतक सुनील कुमार सिंह ने सभापति को पत्र लिखकर रामबली सिंह की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. जिस पर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने फैसला सुनाते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी.
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आरजेडी एमएलसी की सदस्या हुई रद्द
बता दें कि सुनील कुमार सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि बिहार विधानसभा में आरजेडी के विधायकों के द्वारा द्विवार्षिक चुनाव में दल के उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित किए गए थे और आरजेडी का सदस्य रहते हुए उन्होंने विधानमंडल दल के नेता पर मनगढ़ंत आरोप लगाया था कि तेजस्वी यादव भी शराब पीते हैं. इतना ही नहीं उन्होंने अति पिछड़ी समाज को खंडित करने के उद्देश्य से तेली, दांगी जाति को मूल अति पिछड़ी जाति की श्रेणी से अलग करने के संबंध में भी बयान दिया था और बेनर पोस्टर लगाकर पदयात्रा किया.
नीतीश और लालू पर किया था आपत्तिजनक टिप्पणी
इस कार्यक्रम में ना तो अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह पोस्टर में लगाया और ना ही दल का झंडा लगाया. इसके साथ ही उन्होंने जाति आधारित गणना के खिलाफ भी बयान देते हुए कहा कि नीतीश सरकार ने जाति आधारित गणना में बड़ी चालाकी से घालमेल किया है. 2 नवंबर, 2023 को सुनील सिंह की सदस्यता रद्द करने के लिए विधान परिषद में आवेदन दिया गया था. जिसके बाद रामबली सिंह ने विधान परिषद अध्यक्ष को 15 दिसंबर को सफाई पेश की थी. विधान परिषद के सभापति ने मामले में सुनवाई की और 6 फरवरी को अपना फैसला सुनाया, जिससे जुड़ा हुआ पत्र भी जारी कर दिया गया है.
आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से झटका
बिहार के पूर्व डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड के हत्यारोपी आनंद मोहन को जेल से रिहाई तो मिल चुकी है, लेकिन एक बार फिर उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है. रिहाई के बाद आनंद मोहन पर सुप्रीम कोर्ट की गाज गिरी है. बता दें कि जी. कृष्णैया की पत्नी उमा देवी कृष्णैया ने आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिक दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है.
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Source : News State Bihar Jharkhand