Bihar Politics: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. इससे पहले प्रदेश में सियासी हलचलें तेज हो चुकी है. NDA के समर्थक दल राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) में नाराजगी देखी जा रही है और इसकी वजह एनडीए के अन्य समर्थक दलों के द्वारा उन्हें साइड लाइन करना बताया जा रहा है.
NDA से अलग हो सकती है RLJP!
इन सबके बीच RLJP के प्रवक्ता ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी अकेले चुनाव लड़ सकती है. वहीं, अब RLJP ने बीजेपी कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया है. इस पोस्टर के कई मायने लगाए जा रहे हैं. आज पार्टी की राज्य कार्यकारिणी बैठक होने वाली है. इस बैठक में आगामी चुनाव और एनडीए गठबंधन में रहने को लेकर फैसला किया जा सकता है.
क्या है RLJP की नारागजी की वजह?
बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव के समय से ही एनडीए गठबंधन में आरएलजेपी को साइडलाइन कर दिया गया था. एक तरफ एनडीएन ने लोजपा (रामविलास) को लोकसभा चुनाव में 5 सीटें दी थी तो दूसरी तरफ आरलोजपा को एक भी सीट नहीं दी गई थी.
यह भी पढ़ें- Maharashtra में 'सत्ता का खेल' सभी राज्यों से क्यों है अलग? 2019 के बाद बदला समीकरण
लोकसभा चुनाव में भी नहीं मिली थी एक भी सीट
सीटों के बंटवारे के बाद पशुपति पारस में नाराजगी देखी गई और उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि वह एनडीए के साथ बने रहे. इन सबके बीच पशुपति पारस की मुलाकात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हुई. दोनों ने पशुपति पारस की पार्टी को प्रदेश में उचित सम्मान देने की बात कही. कयास यह भी लगाए जा रहे थे कि पशुपति पारस को एनडीए जल्द कोई बड़ा पदभार दे सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
सीएम नीतीश मिलने का भी नहीं देते हैं समय
NDA में उचित सम्मान नहीं मिलने की वजह से RLJP के नेता खुलकर इस पर बोलने लगे हैं. पार्टी के प्रवक्ता चंदन सिंह ने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम हमारे पार्टी अध्यक्ष को मिलने का भी समय नहीं देते हैं. यहां तक कि पशुपति पारस से उनका सरकारी बंगला भी खाली करवा दिया गया. अब देखना यह होगा कि RLJP के कार्यकारिणी बैठक में क्या फैसला लिया जाता है.