बिहार विधान सभा चुनाव लेकर सभी पार्टियां ने कमर कम ली है. रुपौली विधानासभा क्षेत्र कभी नक्सली और आपराधिक संगठनों को लेकर चर्चित रहा. विकास के मामले में यह पिछड़ा हुआ है. राजनीतिक दृष्टि से यहां के मतदाताओं ने करीब-करीब सभी प्रमुख दलों पर भरोसा किया. भाकपा, कांग्रेस और जनता पार्टी को यहां से प्रतिनिधित्व का मौका मिला है. फिलहाल, इस सीट से जदयू की बीमा भारती विधायक हैं. यह राज्य की पिछड़ा-अति पिछड़ा कल्याण मंत्री भी हैं. भारती इससे पहले भी यहां से दो बार निर्वाचित हुई हैं. 2000 में निर्दलीय और 2005 में राजद के टिकट पर वह यहां से जीत कर विधानसभा पहुंची थीं. पिछली बार लोजपा के शंकर सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे. लिहाजा लोजपा का यहां दावा बनता है. हालांकि, इस इस बार एनडीए में यह सीट किसे मिलता है, यह देखना दिलचस्प होगा.
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रुपौली विधानसभा क्षेत्र में बाहुबल एक बड़ा फैक्टर रहा है. मंत्री बीमा भारती के पति अवधेश मंडल बाहुबली हैं. लोजपा के शंकर सिंह भी पूर्व में नॉर्थ बिहार लिबरेशन आर्मी नामक संगठन के अध्यक्ष रह चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी और जदयू का विधानसभा सम्मेलन पूरा हो चुका है. लोजपा, भाकपा और राजद ग्रास रूट पर कार्यकर्ताओं को जोड़ने में लगे हैं. वोटरों के मन को टटोलने के लिए सभी पार्टयिों के नेताओं ने आमलोगों से मिलना शुरू कर दिया है.
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वहीं, अगर बात करे जाति समीकरम की तो इस विधानसभा सीट पर अति पिछड़ों की संख्या अधिक है. राजपूत और यादवों की संख्या उसके बाद आती है. ऐसे में अल्पसंख्यक किस ओर जाते हैं, यह देखना अहम होगा. इस सीट को लेकर सीट पर लगभग हर प्रमुख पार्टी ने जीत दर्ज की है. यहां की जनता विकास की आस में लगभग सभी सियासी दल को मौका दिया है, लेकिन क्षेत्र का विकास अभी भी नहीं हो पा रहा है. ऐसे में इस बार देखना होगा कि यहां के मतदाता किसे अपना सिर मौर बनाते है. और किसे विधायक बना कर विधानसभा भेजते है.
Source : News Nation Bureau