कोरोना संकट के दौरान प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के रेल भाड़े पर दिल्ली और बिहार सरकार (Bihar government) में ठन गई है. बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल युनाइटेड के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि ये राजनीति करने का वक्त नहीं है. दिल्ली सरकार (Delhi government) एक गलती पहले कर चुकी है, जब दिल्ली यूपी बॉर्डर पर उन्होंने लाखों लोगों को इकट्ठा किया.
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उन्होंने कहा कि दिल्ली और बिहार सरकार के बीच ये ट्रांसेक्शन बेमतलब है. त्यागी ने कहा कि मजदूरों की संख्या लाखों में है और वो (दिल्ली सरकार) 1200 मजदूरों की बात करके वाहवाही लूटना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'संजय सिंह के बयान के साथ इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हुई. ये राजनीति का ओछापन है. आम आदमी पार्टी के नेता इन बातों के लिए जाने भी जाते हैं.'
केसी त्यागी ने कहा कि बिहार और अन्य राज्यों के मजदूरों की वापसी के लिए 1 मकैनिस्म बना है, जिसमें 85 फीसदी केंद्र और 15 फीसदी राज्य सरकार भरेगी. बिहार सरकार भी केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइड लाइन फॉलो करती है. 20 लाख से ज्यादा लोगों के खाते में पैसा भी जमा हो भी चुका है.
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उधर, बिहार के मंत्री संजय कुमार झा ने कहा, 'मैंने दिल्ली के एक मंत्री के एक ट्वीट को देखा कि वे उन 1200 प्रवासियों के टिकट का भुगतान कर रहे हैं, जो दिल्ली से मुजफ्फरपुर की यात्रा कर रहे हैं. मेरे पास उनकी सरकार द्वारा बिहार सरकार से धन की प्रतिपूर्ति के लिए पत्र भेजा गया है.' उन्होंने आगे कहा, 'एक तरफ आप यह कहते हुए क्रेडिट ले रहे हैं कि आप उन्हें अपने पैसे वापस भेज रहे हैं और दूसरी तरफ आप बिहार सरकार से पैसे वापस करने के लिए कह रहे हैं.'
इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, 'उनसे (प्रवासी मजदूरों) पैसा लेना उचित नहीं है. वे पिछले दो महीनों से आश्रय गृहों में रह रहे हैं. टिकटों के भुगतान के लिए उन्हें पैसे कहां से मिलेंगे, इसलिए दिल्ली सरकार ने इसके लिए भुगतान किया. इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.'
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