बिहार में जातिगत जनगणना पर बोले संजय पासवान, नितीश कुमार ने कही पीएम से मिलने की बात

बिहार में जातीय राजनीति का मुद्दा तो हमेशा ही चर्चा का विषय रहता है. इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के एमएलसी संजय पासवान (Sanjay Paswan) ने विपक्ष और समाजवादी विचारधारा की पार्टियों पर कोटा पॉलिटिक्‍स करने का आरोप लगाया है.

author-image
rajneesh pandey
एडिट
New Update
SANJAY PASWAN ON CASTE CENSUS IN BIHAR

SANJAY PASWAN ON CASTE CENSUS IN BIHAR( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

बिहार में जातीय राजनीति का मुद्दा तो हमेशा ही चर्चा का विषय रहता है. इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के एमएलसी संजय पासवान (Sanjay Paswan) ने इससे सम्बंधित एक विवादित बयान दे दिया है. इस बयान में उन्होंने विपक्ष और समाजवादी विचारधारा की पार्टियों पर कोटा पॉलिटिक्‍स करने का आरोप लगाया है. इस बारे में बोलते हुए मंगलवार को उन्‍होंने कहा कि इस समय गरीबों की जनगणना करने की जरूरत है ना कि जातिगत जनगणना. मिली जानकारी के अनुसार, हाल ही में जनता दल (यूनाइटेड) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जातीय जनगणना की मांग की थी. इसको लेकर पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ललन सिंह के नेतृत्व में सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात भी की थी. इस समय पर संजय पासवान का ये बयान आया है. इस मामले में बिहार के मुख्‍यमंत्री नितीश कुमार भी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने यह साफ किया कि इस मामले से उनकी पार्टी और बीजेपी की गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

संजय पासवान ने क्या कहा?

इस दौरान संजय पासवान ने कहा कि पहले हमें यह मापदंड बनाना चाहिए कि कौन गरीब है. फिर उन्‍हें जाति और धर्म के आधार पर गिना जाए. यहां जातिगत जनगणना की कोई जरूरत नहीं है. चूंकि अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए जनगणना है तो इसका मतलब यह नहीं है कि सभी जातियों को गिनने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘मैं इस तरह के विचारों का समर्थन नहीं करता. मैं केवल यह कहने की कोशिश कर रहा हूं कि हमें पहले गरीबी को परिभाषित करने के बाद गरीबों को गिनने की जरूरत है.’
पासवान ने कहा कि विपक्ष और समाजवादी दल आरक्षण वाली राजनीति करने की कोशिश कर रही है. बीजेपी ने ईडब्‍ल्‍यूएस (EWS) को 10 फीसदी कोटा देकर आरक्षण की राजनीति को खत्‍म किया है, जो लोग जातिगत आधारित जनगणना चाह रहे हैं, वे संभवत: बड़ी संख्या में ओबीसी और ईबीसी की ओर देख रहे हैं, ताकि वे आरक्षण की राजनीति में थोड़ा और शामिल हो सकें. इससे वे जातिगत राजनीति को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.

HIGHLIGHTS

  • बिहार में जातीय जनगणना के मामले पर सियासत गरमाई
  • संजय पासवान ने कहा, गरीबों को जातिगत जनगणना की ज़रूरत नहीं
  • नितीश कुमार ने इस मुद्दे को लेकर पीएम से मिलने की बात कही
Bihar News Caste Census Caste Census in Bihar
Advertisment
Advertisment
Advertisment