पटना हाइकोर्ट ने राज्य में 90 हजार से अधिक प्राइमरी और 30 हजार सेकेंडरी शिक्षकों की नियुक्ति पर फिलहाल रोक लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और एस कुमार की खंडपीठ ने नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड की बिहार शाखा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से इस मामले में जवाब देने को भी कहा है.
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दृष्टिहीन दिव्यांग के लिए 400 सीटों के बदले केवल 98 सीटें आरक्षित
याचिकाकर्ता ने अन्य मुद्दों समेत इस मामले को लेकर प्रकाशित विज्ञापन को चुनौती दी थी. उनकी तरफ से अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों की होने वाली नियुक्ति में दिये गये रोस्टर के मुताबिक दृष्टिहीन दिव्यांग के लिए 400 सीटें होनी चाहिए. लेकिन सिर्फ 98 सीटें आरक्षित की गयी हैं, जो पर्याप्त नहीं है.
अगली सुनवाई 19 अगस्त को
एक अन्य यााचिका में राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता पीके वर्मा उपस्थित हुए. इस मामले में राज्य सरकार के महाधिवक्ता की अनुपस्थिति की वजह से सुनवाई को स्थगित करने की मांग की गयी, जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 19 अगस्त निर्धारित कर दी. इस अगली तिथि पर महाधिवक्ता को भी उपस्थित रहने को कहा गया है.
Source : News Nation Bureau