देश की राजनीति की दिशा और दशा अगर कोई तय करता है तो वो है बिहार. पटना से करीब 2000 किलोमीटर दूर मुंबई में 3 लाख से ज्यादा बिहार के लोग रहते हैं. 2010 से लेकर अबतक बिहार के लोगों के साथ महाराष्ट्र और खासकर मुंबई में मारपीट और हिंसा की खबरें आती रही हैं और मुंबई में होनेवाली बिहार के लोगों के प्रति हिंसा के खिलाफ पटना से ही सियासी विरोध भी होता रहा है. 2010 में लालू यादव ने ठाकरे को बिहारी साबित कर दिया था और ठाकरे परिवार को महाराष्ट्र में घुसपैठिया करार दिया था लेकिन वक्त बदला, सियासत बदली और सियासत करने वाले चेहरे भी बदले. अब ठाकरे परिवार का 'चिराग' यानि आदित्य ठाकरे लालू परिवार के 'चिराग' यानि बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से 2000 किलोमीटर की दूरी तय कर मिलने पटना पहुंचे.
आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव के बीच होने वाली मुलाकात की भनक मीडिया को भी आदित्य के बिहार दौरे से ठीक एक दिन पहले यानि 22 नवंबर की शाम 5 बजे यानि उनके दौरे से लगभग 18 घंटे पहले लगी. एक दिवसीय बिहार दौरे पर आए आदित्य ठाकरे ने सूबे के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात की. वैसे तो मुलाकात सिर्फ तेजस्वी से होनी थी, लेकिन आदित्य ठाकरे की सीएम नीतीश कुमार से भी मुलाकात की और उनकी सीएम से मुलाकात खुद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कराई.
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कभी बीजेपी के साथ दो दशक के गठबंधन करने वाले नीतीश इन दिनों बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता का झंडा उठाए हैं, तो 25 साल तक बीजेपी के साथ गठबंधन करने वाले ठाकरे परिवार भी इन दिनों बीजेपी के खिलाफ मुहिम में जुटे हैं. ज़ाहिर सी बात है मुलाकात में बीजेपी के खिलाफ 2024 में बात बनाने को लेकर बात हुई होगी, लेकिन तुरंत जरूरत ठाकरे परिवार को बीएमसी चुनाव में पकड़ बनाए रखने के लिए बिहारियों और बिहारी नेताओं की है.
अब सवाल है कि जिस सियासत में दोस्ती दुश्मनी स्थायी नहीं होती है, उस सियासत में ऐसी मुलाकात पर सियासी बवाल क्यों? क्या पटना में हुई इस मुलाकात का असर सिर्फ मुंबई में होगा या पटना टू दिल्ली वाया मुंबई का रास्ता साफ होगा? सवाल ये भी कि सेक्युलर का जामा नीतीश-तेजस्वी उतारेंगे या हिंदुत्व का चोला ठाकरे परिवार उतारेगा?
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आज इन्ही सवालों पर न्यूज स्टेट बिहार झारखंड के शो 'सवाल आज का' में डिबेट हुआ. शो के होस्ट सुमित झा ने जिम्मेदारों से तीखे सवाल पूछे. सवाल-जवाब के दौरान जहां कांग्रेस, जेडीयू और आरजेडी ने आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव के मुलाकात का समर्थन किया तो वहीं बीजेपी ने तीनों पर ही हमला बोला. शो में बीजेपी प्रवक्ता अखिलेश सिंह, आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन, जेडीयू प्रवक्ता अंजुम आरा और कांग्रेस प्रवक्ता असितनाथ तिवारी ने अपनी अपनी पार्टी की तरफ से पक्ष रखा.
सवाल आज का
- अचानक सीएम नीतीश से आदित्य ठाकरे की मुलाकात की वजह क्या?
- क्या विपक्षी एकता की कवायद हो रही है?
- दो युवा नेताओं के मुलाकात से बीजेपी को दिक्कत क्या है?
- बिहार में आदित्य ठाकरे के मुलाकात पर सियासत क्यों हो रही है?
आदित्य ठाकरे का बिहार दौरा
- शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे पहली बार पहुंचे पटना
- पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से की मुलाकात
- तेजस्वी-आदित्य ठाकरे की बीच कई मुद्दों पर चर्चा
- तेजस्वी से पहली बार मिले आदित्य ठाकरे
- फोन पर दोनों के बीच कई बार हुई बात
- तेजस्वी से मिलकर सीएम आवास गये आदित्य ठाकरे
- तेजस्वी के साथ सीएम नीतीश के आवास पर गये आदित्य ठाकरे
- आदित्य ठाकरे को लेकर सीएम आवास गये तेजस्वी यादव
- सीएम नीतीश ने भी किया आदित्य ठाकरे का स्वागत
आदित्य की 'तेजस्वी' मुलाकात के मायने !
- कुछ महीनों में बीएमसी के चुनाव होने हैं
- मुंबई में उत्तर भारतीय वोटरों की संख्या 40 से 45 लाख के बीच है
- उत्तर भारतीय का वोट साधने की कोशिश
- बीएमसी चुनाव में जीत का फार्मूला उत्तर भारतीय वोट
- बीएमसी में लगभग तीन दशकों से शिवसेना का कब्जा
- शिवसेना में दो गुट के बाद पार्टी कमजोर हुई
- सहयोगी कांग्रेस ने अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया
Source : News State Bihar Jharkhand