बिहार में पिछले 17 सालों में करीब साढ़े चार सालों को छोड़ दें तो सत्ता में जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन की सरकार रही. इन 13 सालों में बीजेपी जब केंद्र में आई तब साथ 5 साल रही. बीजेपी और जेडीयू जब साथ दोबारा आए तो यही कहा गया कि डबल इंजन की रफ्तार से अब बिहार में विकास होगा, लेकिन इन 5 सालों में विशेष पैकेज या विशेष दर्जे को लेकर कभी चर्चा नहीं हुई, ना ही जेडीयू ने खुलकर कभी मांग की. केंद्र से बाढ़ राहत का पैसा हो या केंद्रीय योजनाओं में हिस्सेदारी वाला पैसा बिहार को नहीं देने का कोई आरोप नहीं लगा. यहां तक कि पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग सीएम नीतीश ने खुले मंच पीएम मोदी से किया, लेकिन वो मांग भी नहीं मानी गई. तब भी कोई शिकवा शिकायत नहीं की गई, लेकिन दोस्ती खत्म हुई.
जेडीयू आरजेडी के साथ गया और बीजेपी सत्ता से बाहर हुई तो शिकायतों का अंबार लगने लगा. कभी मनरेगा का फंड नहीं देने की शिकायत कभी समग्र शिक्षा अभियान का पैसा नहीं देने का आरोप, कभी पीएम आवास योजना के फंड में कटौती का आरोप और अब विशेष पैकेज की भी मांग. फंड को लेकर एक दूसरे पर वार-पलटवार का दौर चल रहा है, लेकिन सवाल है कि क्या जेडीयू और बीजेपी साथ थी, तब तक केंद्र सरकार की ओर से पूरा फंड मिल रहा था. तो क्या सत्ता से बाहर होने का बदला बीजेपी फंड में कटौती कर ले रही है? सवाल ये भी कि ये सारे फंड सिर्फ 3 महीनों का है या पुराना है? अगर पुराना हिसाब किताब है तो पहले शिकायत क्यों नहीं? तो क्या फंड की आड़ में सियासी फंडा चलाया जा रहा है. फंड का सियासी फंडा क्या है? आज सवाल आज का में यही समझने की कोशिश करेंगे.
इसे भी पढ़ें-मुद्दा आपका : बिहार की सत्ता बदली, BTET-CTET बेरोजगारों की किस्मत नहीं!
'सवाल आज का' में आज के गेस्ट बीजेपी की तरफ से प्रवक्ता अजफर शम्सी, जेडीयू प्रवक्ता अनुप्रिया, आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. संजय कुमार शामिल हुए. शो के होस्ट सुमित झा ने जिम्मेदारों से तीखे और कड़वे सवाल पूछे.
सवाल आज का
- केंद्र के फंड पर कौन सच बोल रहा है कौन झूठ?
- क्या सरकार बदलने के बाद केंद्र कर रहा है सौतेला व्यवहार?
- क्या सत्ता से बीजेपी के बाहर होने का ले रही है बदला?
- बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद ही केंद्र पर आरोप क्यों ?
- अब तक विशेष पैकेज पर चुप्पी, अब सवाल क्यों?
- विकास योजनाओं के फंड पर सियासत क्यों?
केंद्र पर फंड में कंजूसी का आरोप
- मनरेगा के तहत 1045 करोड़ का फंड का बकाया
- 2020-21 से अब तक 1823.92 करोड़ में 791.42 करोड़ मिला
- तीन महीने से 168 प्रखंडों में मजदूरी का बकाया है
- पीएम आवास योजना के तहत 3007 करोड़ का बकाया
- समग्र शिक्षा अभियान के तहत भी केंद्र से फंड नहीं मिला
- 2021-22 में बिहार ने अभियान के तहत 14,225 करोड़ का खर्च किया
- केंद्र की तरफ से समग्र शिक्षा में 8535 करोड़ दिया जाना था
- समग्र शिक्षा अभियान में केंद्र की तरफ से 5,690 करोड़ ही मिला
- अभियान के तहत राज्य सरकार को 10,669 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ा
- खाद की आपूर्ति में भी केंद्र पर कोताही बरतने का आरोप
- 18 नवंबर तक केंद्र ने बिहार को सिर्फ 37 फीसदी यूरिया दिया
Source : Shailendra Kumar Shukla