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Bharat Bandh: बिहार में भारत बंद का व्यापक असर, इन जिलों में हो रहा है उग्र प्रदर्शन

Bharat Bandh: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ SC/ST संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है. बिहार में इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. राजधानी पटना समेत कई जिलों में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए.

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Vineeta Kumari
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Bharat Bandh: एससी/एसटी संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है. इसका बिहार में व्यापक असर देखने को मिल रहा है. प्रदेश के कई जगहों में उग्र प्रदर्शन किया जा रहा है. जहानाबाद, कटिहार, नवादा, सीतामढ़ी, बेगूसराय, मुंगेर, मोतिहारी, आरा समेत कई जिलों में सड़कों व रेलवे ट्रैक पर उतरकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित व आदिवासी संगठन विरोध जता रहे हैं. इस वजह से रेलवे लाइन बाधित हो चुकी है. 

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बिहार में भारत बंद का देखा जा रहा है व्यापक असर

भीम आर्मी, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति जगह-जगह  जुलूस निकाल रहे हैं. जहानाबाद में प्रदर्शनकारियों ने पूरा शहर जाम कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने जाम को किसी तरह से हटाया. इस बीच पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी देखने को मिला. जहानाबाद में सुबह से ही प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर गए. इस वजह से पटना-गया एनएच 83 कई घंटों तक बाधित रहा. 

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राजधानी पटना सहित कई जिलों में उग्र प्रदर्शन

भारत बंद को लेकर राजधानी पटना में प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की. इस घटना में कई पुलिस जवानों को चोट भी आई. जवाब में पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर उग्र प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा. वहीं, पूर्णिया में करणी सेना और बसपा के कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाईवे पर उतर गए और टायर जलाकर आगजनी की घटना को अंजाम दिया. दरभंगा जंक्शन में भीम आर्मी ने दरभंगा-नई दिल्ली बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट ट्रेन का चक्का जाम कर रोका गया. इस बंद से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. बिहार के साथ ही इसके पड़ोसी राज्य झारखंड और यूपी में भी बंद का असर देखा जा रहा है.

SC/ST संगठनों ने क्यों किया भारत बंद?

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आपको बता दें कि 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अनसुचूति जातियों व जनजातियों के आरक्षण पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि राज्यों को संवैधानिक रूप से SC/ST के अंदर सब क्लासिफिकेशन की जरूरत है. इससे उन जातियों को भी लाग मिल सकेगा, जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद sc/st के लोगों में इसे लेकर आक्रोश देखा जा रहा है और इसे आरक्षण विरोधी फैसला बताया जा रहा है. 

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