बिहार में सरकारी स्कूलों की दुर्दशा देखकर एक बार फिर केके पाठक का गुस्सा फूट पड़ा है. बता दें कि अब राज्य के सभी सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शौचालयों की साफ-सफाई सुनिश्चित की जाएगी. इसे लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बुधवार को सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं. साथ ही केके पाठक ने जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि, ''स्कूलों के निरीक्षण में यह बात सामने आई है कि वहां पर शौचालय बने हुए हैं, लेकिन अधिकांश उपयोग के लायक नहीं है. इसका मुख्य कारण साफ-सफाई का अभाव है, इसे यथाशीघ्र ठीक करने की आवश्यकता है.''
इसके साथ ही केके पाठक ने अपने आदेश में शौचालय सहित विद्यालय परिसर की साफ-सफाई सुनिश्चित करने को कहा है. इसके लिए जिला और प्रखंड स्तर पर एजेंसी भी तय कर दी गई है. साथ ही केके पाठक ने अपने पत्र में इस बात की भी विस्तृत जानकारी दी है कि जिलाधिकारी इस पर किस-किस मद में खर्च करेंगे.
आपको बता दें कि आगे पत्र में केके पाठक ने कहा है कि, ''खनन सेस के अंतर्गत खान और भूतत्व विभाग के द्वारा जिलों को दी जाती है. पिछले वर्ष 126 करोड़ इस मद में जिलों को दी गई थी, जिसमें अभी भी 77 करोड़ बची हुई है. मनरेगा के तहत स्वच्छता मद से भी धनराशि प्राप्त की जा सकती है। राज्य में 13 आकांक्षी जिले हैं, इस मद से राशि ली जा सकती है या नहीं, इस पर विचार करें. साथ ही इन मदों से कितने शौचालयों की सफाई की जा सकती है, इसे सूचीबद्ध करें. शेष राशि विभाग द्वारा जिलों को दी जायेगी.''
HIGHLIGHTS
- के.के.पाठक का फिर फूटा गुस्सा
- स्कूलों में टॉयलेट की बदहाली देख हुए सख्त
- सभी जिलों के DM को लिखा पत्र
Source : News State Bihar Jharkhand