महाराष्ट्र के सांगली में बिहार के सात मजदूरों को बंधक बनाए जाने का मामला प्रकाश में आया है. मामला शेखपुरा जिले के कसार थाना क्षेत्र अंतर्गत रेवता गांव का है. बंधक बनाए गए मजदूरों के परिजनों ने समाहरणालय पहुंचकर एसपी कार्तिकेय शर्मा से मिलकर बंधक बनाए गए मजदूरों को सुरक्षित लाने की गुहार लगाई है. पीड़ित परिजनों ने बताया कि उनके तीन सगे भाई और चार पड़ोसी को रोजगार दिलाने के नाम पर लखीसराय जिले के रामगढ़ गांव निवासी गोरेलाल मांझी सभी को महाराष्ट्र ले गया था. जो महाराष्ट्र में ठेकेदारी का काम करता है.
45 दिनों से सभी को बनाया हुआ है बंधक
परिजनों ने बताया कि पिछले 45 दिनों से सभी को बंधक बनाकर जबरदस्ती काम करवाया जा रहा है. यहां तक की काम के बदले पैसे मांगने पर उनके साथ मारपीट और गाली गलौज भी किया जा रहा है. वे लोग महाराष्ट्र के अलग-अलग कंपनी जैसे संतोष रामचंद्र बागमोरे सतीश रामचंद्र, बागमोरे हाईटेक नर्सरी सहित छोटी-छोटी कंपनियों में काम कर रहे थे. जहां उन्हें बंधक बनाया हुआ है. परिजनों ने बताया कि बंधक बनाए गए मजदूरों ने परसों रात चुपके से मौका निकालकर अपने परिवार वालों को फोन करके सारी जानकारी दी.
एसपी से न्याय की लगाई गुहार
इस मामले में सभी परिजनों ने एसपी कार्यालय पहुंचकर एसपी से न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन एसपी ने सभी को श्रम अधीक्षक कार्यालय जाने को कह दिया. जहां से उनकी समस्याओं का निदान हो सकता है. परिजनों ने श्रम अधीक्षक को पूरे मामले से अवगत कराया है. अधिकारियों ने जल्द सभी को सुरक्षित लाने का आश्वासन दिया है. वहीं, बीजेपी के सांसद प्रतिनिधि विपिन मंडल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार और वहां के श्रम विभाग से बात करके बहुत जल्द सभी बंधक बनाए गए मजदूरों को छुड़ा लिया जाएगा.
रिपोर्ट - धर्मेंद्र कुमार
HIGHLIGHTS
- बिहार के सात मजदूरों को बनाया बंधक
- 45 दिनों से सभी को बनाया हुआ है बंधक
- परिजनों ने न्याय की लगाई गुहार
Source : News State Bihar Jharkhand