गैर बीजेपी दलों को एक मंच पर लाने में जुटे शरद यादव, नीतीश पर बोला हमला

उन्होंने कहा कि मेरी पूरे विपक्ष से देश और संविधान की खातिर सीएए के विरोध में गोलबंद होने की अपील है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Sharad Yadav

गैर-बीजेपी दलों को एक मंच पर लाने में लगे शरद यादव, नीतीश पर बोला हमला( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने कहा है कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) एक दूसरे से अलग नहीं बल्कि तीनों एक ही हैं. यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की यह दलील गलत है कि सीएए और एनआरसी अलग है. बता दें कि बिहार में सत्तारूढ़ जदयू से अलग हुये नेताओं ने पिछले साल लोजद का गठन किया था. नवगठित पार्टी के संरक्षक के रूप में यादव ने लोजद की प्रदेश इकाइयों से देश में मौजूदा विकट परिस्थितियों की सच्चाई को जनता तक ले जाने की अपील की.

यह भी पढ़ेंः नीतीश की जल-जीवन-हरियाली यात्रा के जवाब में तेजस्वी की प्रतिरोध सभाएं

पार्टी के अध्यक्ष एसएन गौतम की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विपक्षी दलों की एकजुटता के अभाव पर चिंता व्यक्त की गई. पार्टी कार्यकारिणी ने यादव को विभिन्न दलों के साथ लोजद के गठबंधन करने और विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिये अधिकृत करने का प्रस्ताव पारित किया. यादव ने बैठक में 14 राज्यों के पार्टी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये लोजद के गठन को सच की लड़ाई का प्रतिफल बताया. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा, 'कुछ समय पहले तक एक व्यक्ति कह रहा था कि मर जाऊंगा लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाऊंगा. बाद में वह बीजेपी के साथ चला गया. इसके बाद मैं सच के साथ अकेला खड़ा रह गया.'

यादव ने पार्टी नेताओं से कहा कि संघर्ष के अंतिम पड़ाव तक सच का साथ देते हुये उन्हें लोजद का विस्तार करने का संकल्प लेना चाहिये. उन्होंने लोजद के अन्य दलों के साथ गठजोड़ के मुद्दे पर कहा, 'आरजेडी सहित अन्य दलों के साथ बातचीत चल रही है. पार्टी के विस्तार के लिए जो प्रस्ताव कार्यकारिणी ने पारित किया है उसके लिए मैं निरंतर कम कर रहा हूं.' बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में यादव ने कहा कि बीजेपी की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार ने संस्कृति के नाम पर समाज को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए सीएए को हथियार बनाया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा प्रस्तावित सीएए में ‘धार्मिक अल्पसंख्यक’ के बारे में प्रावधान था. लेकिन इस सरकर ने सीएए में छह धर्मों का ज़िक्र कर देश को बांटने का प्रयास किया है.

यह भी पढ़ेंः बिहार में जेडीयू नेता की गोली मारकर हत्या, शराब माफिया के निशाने पर थे

सीएए के खिलाफ विपक्षी दलों की 13 जनवरी को आहूत बैठक का तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी द्वारा बहिष्कार करने के सवाल पर यादव ने कहा कि देश बहुत बड़ा है, और सभी राज्यों में स्थानीय मुद्दे अलग अलग हैं. ऐसे में विभिन्न दलों के बीच समन्यवय कायम करने में समय लगता है. उन्होंने कहा कि मेरी पूरे विपक्ष से देश और संविधान की खातिर सीएए के विरोध में गोलबंद होने की अपील है. यादव ने कहा, 'इससे पहले आज़ाद भारत में लोगों में इतनी बेचैनी कभी नहीं देखी गई. इसका कारण संविधान पर मँडराता ख़तरा है. इस खतरे को देश की जनता महसूस कर रही है. इसलिये समान विचारधारा वाले सभी दलों को एकजुट होने का समय आ गया है.' जेएनयू में छात्रों के गुटों में हिंसक झड़प के बारे में उन्होंने कहा कि जेएनयू की घटना विश्विवद्यालय प्रशासन की देखरेख में हुयी. जिसके कारण देश के सबसे अग्रणी विश्वविद्यालय में तबाही का मंज़र देखने को मिला.

Source : Bhasha

Nitish Kumar Bihar Sharad Yadav Maha Gathbandhan
Advertisment
Advertisment
Advertisment