बिहार में महागठबंधन से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ सरकार बनाने वाली जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने रविवार को एक बार फिर ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है हालांकि नीतीश कुमार पर अभी भी वह चुप हैं।
बिहार में नीतीश के महागठबंधन से अलग होने से लेकर मुख्यमंत्री पद के शपथ लेने तक शरद यादव ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी थी।
हालांकि इस बीच यह खबर आती रही कि शरद यादव नीतीश के बीजेपी के साथ सरकार बनाने के कदम से नाराज हैं। नीतीश कुमार को 132 विधायकों का समर्थन प्राप्त है जिसमें 71 विधायक जदयू के, 53 भाजपा के, दो रालोसपा के, दो एलजीपी के, एक एचएएम का और तीन निर्दलीय शामिल हैं।
और पढ़ें: आतंकी फंडिंग मामले में गिलानी के करीबी लोगों के ठिकानों पर NIA का छापा, 7 नेताओं की पहले हो चुकी है गिरफ्तारी
शरद यादव ने रविवार की सुबह ट्वीट कर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, 'न ही विदेशों में जमा कालाधन भारत लाया गया है, जो कि सत्ता में बैठी पार्टी का मुख्य स्लोगन था और न ही पनामा पेपर्स मामले में जिनका नाम है उनमें से किसी को पकड़ा गया है।'
इससे पहले शरद यादव ने शुक्रवार और शनिवार को भी केंद्र सरकार पर कई ट्वीट कर निशाना साधा था। बिहार में इस बदली राजनीतिक तस्वीर से बैकफुट पर चले गए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि शरद यादव उनके संपर्क में हैं और उन्होंने फोन भी किया था।
HIGHLIGHTS
- जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने रविवार को एक बार फिर ट्वीट कर अपनी चुप्पी तोड़ी है
- नीतीश के महागठबंधन से अलग होने से लेकर मुख्यमंत्री पद के शपथ लेने तक शरद यादव चुप थे
- खबर है कि शरद यादव नीतीश के भाजपा के साथ सरकार बनाने के कदम से नाराज हैं
Source : News Nation Bureau