बिहार चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है. बुधवार को बिहार के 16 जिलों की 71 सीटों पर पहले चरण का चुनाव होगा. बिहार का चुनाव हो और बिहारी बाबू की बात न हो तो ये बहुत अधूरा सा लगता है. महागठबंधन की ओर से बिहार के चुनावी मैदान में उतरे कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भी जमकर प्रचार किया. न्यूज नेशन के सलाहकार संपादक दीपक चौरसिया ने बिहारी बाबू से बिहार चुनाव को लेकर बातचीत की आइए हम आपको इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के बारे में बताते हैं कि किस तरह से बिहारी बाबू यानि कि शत्रुघ्न सिन्हा ने भी उनके सवालों का बेबाकी से जवाब दिया.
दीपक चौरसियाः आज नीतीश कुमार ने लालू जी के निजी जीवन को लेकर टिप्पणी कर दी उन्होंने कह दिया कि लड़कों की चाह में लड़कियां पैदा हो गईं और जिसके 8 और 9 बच्चे होंगे वो कैसे विकास की बात करेगा?
शत्रुघ्न सिन्हाः ये चुनाव का या फिर उसके आने वाले नतीजों के आकलन लगाकर उत्तेजित हो रहे हैं या फिर उन्हें उत्तेजित करवा कर ये टिप्पणी करवाई जा रही है. वो लगातार संयम खो रहे हैं और भाषा की मर्यादा और शब्दों की गरिमा का उल्लंघन भी कर रहे हैं. नीतीश जी हमारे पारिवारिक मित्र हैं कई बार दिखाई दिया है कि वो संयम खो रहे हैं. अब देखिए ना हमारे पारिवारिक मित्र के बेटे और यहां के युवाओं का प्रतिनिधि दबंग तेजस्वी यादव ने कहा है कि ये बयान पता नहीं मेरे लिए है या फिर पीएम मोदी जी के लिए है क्योंकि वो भी 5-6 भाई बहन हैं. मैं इस तरह के पारिवारिक टिप्पणियों का समर्थन कहीं से भी नहीं करता हूं चाहे वो नीतीश कुमार की ओर से हो या फिर प्रधानमंत्री जी की ओर से हो.
दीपक चौरसियाः कल नीतीश कुमार की तस्वीर एनडीए के पोस्टर से गायब हो गई क्या लगता है कि बिहार में एनडीए पीएम मोदी के चेहरे पर वोट मांग रहा है?
शत्रुघ्न सिन्हाः पहली बात तो मैं बता दूं कि अगर एनडीए ऐसा कर रही है तो बिलकुल भी सही नहीं कर रही है क्योंकि हाल के दिनों में माननीय प्रधानमंत्री जी के ऊपर से लोगों का भरोसा कम हुआ है. मैं आपको बता दूं कि पिछले कुछ चुनावों में मध्य प्रदेश, छत्तीस गढ़, राजस्थान, दिल्ली और झारखंड के चुनावों में एनडीए ने यही काम किया था और नतीजा क्या हुआ सबके सामने है इन सभी राज्यों में इन्हें हार का सामना करना पड़ा. बिहार को एक लाख 25 हजार करोड़ का पैकेज देने की बात कहकर गए थे और दिया कुछ भी नहीं अब चुनावों के समय साढ़े 16 हजार करोड़ का झुनझुना देने की बात फिर से कर रहे हैं.
दीपक चौरसियाः बड़ा सवाल क्या अब नीतीश कुमार से ऊब चुकी है बिहार की जनता?
शत्रुघ्न सिन्हाः मैं इतना तो जरूर कहूंगा कि इन दिनों बिहार का वातावरण और माहौल बदला हुआ दिखाई दे रहा है. एक तरफ तो युवा शक्ति का प्रतीक तेजस्वी यादव का का नेतृत्वमय दिखाई दे रहा है चारो तरफ उसके नेतृत्व की चर्चा हो रही है. इस तरह का उत्साह तो मैंने पहले कभी नहीं देखा. कोरोना काल में भी इतना जोश युवाओं में तेजस्वी ने भर दिया है कि वातावरण परिवर्तनमय दिखाई दे रहा है. एक तरफ शरद यादव की बेटी, दूसरी तरफ शिवानंद जी का बेटा और बिहारी बाबू यानि कि मेरा बेटा लव सिन्हा भी इस यूथ ब्रिगेड में शामिल है. तेजस्वी इन युवा कंधों के दम पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. जब तेजस्वी ने 10 लाख नौकरियों के बारे में ऐलान किया तो लोगों ने उसका मजाक उड़ाया लेकिन तेजस्वी ने ये बता भी दिया कि ये उन्होंने कहां से किया है तेजस्वी ने बताया कि मैंने रिसर्च की है और एक लाख से ज्यादा नौकरियां तो केवल स्वास्थ्य विभाग में है जिसे नीतीश सरकार को भरनी थी लेकिन पता नहीं क्यों नहीं किया.
दीपक चौरसियाः जो लोग तेजस्वी का विरोध करते हैं, कहते हैं लालू जी के करप्शन की लिगेसी, लालू जी अभी भी जेल में हैं बिहार को जंगल राज में पहुंचा दिया, और तीसरी बात तेजस्वी जी तो पढ़े लिखे ही नहीं है जो नौंवीं तक पढ़ा हो वो क्या एजूकेशन पर 12 प्रतिशत खर्च करने की बात करेंगे इन आलोचनाओं को आप कैसे लेंगे?
शत्रुघ्न सिन्हाः अभी तेजस्वी के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है, राजनीतिक तौर पर देखें तो अभी वो कोरा कागज हैं. तेजस्वी पर जो भी आरोप लगे हैं वो तब के हैं जब वो व्यस्क भी नहीं हुए थे. अब आप ये बात छोड़िए कि 15 साल पहले क्या हुआ क्योंकि उस समय कई पीढ़िया पैदा भी नहीं हुईं थी और कई पीढ़ियों को याद भी नहीं होगा. आप अभी ताजा बीते हुए 15 सालों के बारे में तो बात कीजिए कि इन 15 सालों में आपने क्या-क्या किया और क्या-क्या आप से नहीं हो पाया जिसका जनता हिसाब-किताब मांग रही है. लालू जी के 15 सालों का हिसाब तो जनता ने तथाकथित तौर पर कर दिया था. उसके बाद तो आप आए ना सरकार आप हैं ताली सरकार को तो गाली भी सरकार को. (शत्रुघ्न सिन्हा ठहाका लगाकर हंसते हुए...) देखिए जंगल राज तो एक एक्सप्रेशन है बिहार के लिए लेकिन आजकल तो लोग उत्तर प्रदेश के बारे में भी जंगलराज की ही बात करते हैं हालांकि मैं इसे नहीं मानता हूं लेकिन हाथरस के बाद से लोग और भी ज्यादा कर रहे हैं.
दीपक चौरसियाः आप तो बीजेपी के इनसाइडर रहे हैं, कांग्रेस लगातार आरोप लगा रही है उपेंद्र कुशवाहा लगातार कह रहे हैं कि बिहार चुनाव के बाद बीजेपी नीतीश कुमार का इस्तेमाल खत्म कर देगी कांग्रेस ने तो यहां तक कहा कि नीतीश कुमार को अब डस्टबिन में डाल दिया जाएगा क्या आपको भी लगता है कि नीतीश कुमार का राजनीतिक करियर अब ढलान पर है?
शत्रुघ्न सिन्हाः मैं इतना बड़ा पंडित तो नहीं हूं लेकिन इस वक्त मुझे जो दिखाई पड़ रहा है वो नीतीश कुमार की सरकार बहुत कमजोर और पूरी तरह से जाती हुई दिखाई दे रही है तो जाती हुई सरकार के बारे में और उनके मुखिया के बारे में अगर कुछ लोग ऐसी बात कहते हैं या कुछ ऐसी हरकतें कर रहे हैं जिसे शायद नहीं करना चाहिए था तो उन बातों की और पुष्टि कर रहे हैं ये लोग.
दीपक चौरसियाः इस बार बिहार की जनता किसे 'खामोश' कहने वाली है?
शत्रुघ्न सिन्हाः (ठहाका लगाकर हंसते हुए....) खामोश.... मैं समझता हूं और मैं क्या आप सब लोग और बिहार की समस्त जनता समझती है कि इस बार महागठबंधन की महाविजय होगी 'लैंड स्लाइड विक्ट्री' के साथ और फिर जब 'लैंड स्लाइड विक्ट्री' हो जाएगी तो फिलहाल तो यही होगा कि जो सत्ताधारी पार्टी है वो विपक्ष की भूमिका में आ जाएगी और जो विपक्ष है वो सत्ता में आ जाएगा और फिर विपक्ष को हम सब मिलकर कह देंगे... खामोश...