कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Arif Alvi) के इस दावे को रविवार को खारिज कर दिया कि सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद वहां लगाए गए प्रतिबंधों पर अल्वी की चिंता का समर्थन किया था. 74 वर्षीय शत्रुघ्न सिन्हा पाकिस्तान (Pakistan) में एक विवाह में शामिल होने के लिए निजी यात्रा पर वहां गए थे. इसी दौरान उन्होंने अल्वी से अचानक निमंत्रण मिलने के बाद शनिवार को लाहौर स्थित गर्वनर हाउस में मुलाकात की थी.
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शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट किया कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति के इस व्यवहार ने हमारे दिल को छुआ और हमने प्रेम, गर्मजोशी, शुक्रिया अदा कर और आभार का भाव व्यक्त कर इसका जवाब दिया. मैं कुछ साल पहले कराची में माननीय राष्ट्रपति के पुत्र के विवाह में शामिल हुआ था, इसलिए मैं उनके परिवार से भली भांति परिचित हूं. उन्होंने कहा कि अल्वी के साथ मुलाकात के दौरान उन्होंने राजनीति पर नहीं, बल्कि सामाजिक एवं सांस्कृतिक मामलों पर बातचीत की.
सिन्हा बोले- यह राजनीतिक या आधिकारिक दौरा नहीं था
सिन्हा ने आगे कहा कि हालांकि बैठक कुछ देर चली, लेकिन यह केवल सामाजिक एवं व्यक्तिगत और आभार व्यक्त करने के लिए शिष्टाचार मुलाकात थी. हमने सामाजिक एवं सांस्कृतिक मामलों से जुड़ी कई बातें कीं, लेकिन राजनीति पर कोई चर्चा नहीं की गई. उन्होंने कहा कि यह बैठक राजनीतिक या आधिकारिक नहीं थी. मेरे मित्रों, शुभचिंतकों, समर्थकों और मीडिया को यह बात समझनी चाहिए कि यदि कोई व्यक्ति विदेशी जमीन पर देश की नीतियों एवं राजनीति पर चर्चा करने के योग्य नहीं है और सरकार ने उसे इसके लिए अधिकृत नहीं किया है, तो उसे ऐसा नहीं करना चाहिए.
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सिन्हा ने अल्वी के ट्वीट का दिया जवाब
अभिनेता से नेता बने सिन्हा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अल्वी के कार्यालय ने ट्वीट किया था कि सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने और पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के भारत सरकार के पांच अगस्त के फैसले के बाद कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति की चिंता का समर्थन किया था. सिन्हा पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जिया उल हक से निकटता के कारण पहले भी कई बार वहां जा चुके हैं.