एक 20 साल पुराने हत्या की कोशिश (Attempt To Murder Case) के मामले में अदालत ने पटना के डीएम और एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. बता दें कि अदालत ने यह आदेश इस मामले में गवाही पूरी नहीं किए जाने को लेकर दिया है. एडिशनल जज अविनाश कुमार की अदालत ने दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें 18 जनवरी को सुनवाई के लिए कोर्ट में सशरीर कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है.
गवाहों को पेश नहीं किए जाने को लेकर नोटिस
हत्या की कोशिश के इस मामले में नौ गवाह हैं जिन्हें पुलिस और अभियोजन पक्ष कोर्ट में पेश करने में विफल रहा है. इससे पहले अदालत ने गवाहों के खिलाफ समन, जमानती और गैर-जमानती वारंट जारी किए थे, लेकिन फिर भी गवाहों को पेश नहीं किया जा सका. इसको ले कर कोतवाली पुलिस थाने के एसएचओ को भी शो-कॉज किया था. लेकिन अभी भी अदालत में इसको लेकर कोई जवाब नहीं दिया गया है.
हत्या का यह मामला 6 मई, 2020 का है
मनीष कुमार झा ने पटना के कोतवाली थाने में 6 मई, 2000 को एक एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमे उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके भाई प्रशांत कुमार झा और पड़ोसी राजेंद्र कुमार सिंह के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी. कोतवाली थाना इलाके वाटर टावर रोड-3 पर एक शख्स की कुछ लोग पिटाई कर रहे थे. इसी में बीच-बचाव की कोशिश प्रशांत कुमार और राजेंद्र कुमार सिंह ने किया। उस समय बीच-बचाव करने से तो मामला शांत हो गया था, पर कुछ देर बाद कई लोग अचानक आए और उन्होंने फिर प्रशांत और राजेंद्र पर जानलेवा हमला कर दिया.
चार्जशीट के बाद भी पूरा नहीं हुआ ट्रायल
मनीष कुमार झा ने सीतामढ़ी के फूलपारस के रहने वाले पप्पू ठाकुर और पप्पू राय को मामले में आरोपी बनाया था. पुलिस ने 22 जून, 2000 को दोनों आरोपियों और एक रामबली राय के खिलाफ मामले में चार्जशीट पेश की थी. रामबली के खिलाफ आरोप 30 अगस्त 2012 को हटा दिए गए क्योंकि उसकी मृत्यु हो गई. हालांकि, दो दशक बीतने के बाद भी इस मामले में ट्रायल अभी तक संपन्न नहीं हो सका.
Source : News Nation Bureau