कांवड़ यात्रा की शुरूआत के साथ ही बाबा भोलेनाथ को लेकर आस्था के रंग दिखने लगे हैं, लेकिन मुंगेर से जो तस्वीर देखने को मिली उसमें श्रद्धा के साथ ही पुत्रप्रेम का ऐसा समागम दिखा कि लोग तीन भाइयों को कलयुग का श्रवण कुमार कहने लगे. श्रवण कुमार की कहानी भला कौन नहीं जानता, माता-पिता से अगाध प्रेम करने वाला बेटा जिसने अपने अंधे माता-पिता को बहंगी में बिठाकर तीर्थयात्रा कराई. ये कहानी भले ही त्रेतायुग की हो, लेकिन कलयुग में भी एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली. मुंगेर में तीन बेटे अपनी मां को बहंगी में बिठाकर कांवड़ यात्रा के लिए निकले पड़े हैं.
आस्था के बीच पुत्रप्रेम की तस्वीर
श्रद्धा के साथ ही पुत्रप्रेम के इस समागम की तस्वीर को जिसने भी देखा वो हैरान रह गया. कलयुग के श्रवण कुमार कहे जाने वाले इन बेटों की मानें तो इन्होंने मां को बहंगी पर बिठाकर बाबाधाम ले जाने का प्रण लिया था. दरअसल पिछले साल जब वो बाबाधाम गए थे तो उस दौरान उनकी मां बीमार थी. ऐसे में उन्होंने उसी समय प्रण किया था कि जब उनकी मां ठीक हो जाएंगी तो वो बहंगी पर उन्हें बाबाधाम ले जाएंगे और अपनी इसी प्रण को पूरा करते हुए तीनों भाई परिवार के साथ मां को बहंगी में बिठाकर निकल पड़े हैं. उसके साथ पूरा परिवार भी इस यात्रा में शामिल होकर तीनों भाइयों का सहयोग कर रहा है.
ये तस्वीर यह बताने को काफी है कि कलयुग में भी ऐसे लोग हैं जो अपने माता-पिता को भगवान का दर्जा देते हैं, जिनके लिए मां के चरणों में ही स्वर्ग होता है और जो माता-पिता की खुशी को ही सर्वेपरी रखते हैं. यही वजह है कि मुंगेर के इन श्रवण कुमारों की सराहना करते लोग थम नहीं रहे.
रिपोर्ट : सुनील
HIGHLIGHTS
- कलयुग के श्रवण कुमार
- आस्था के बीच पुत्रप्रेम की तस्वीर
- बहंगी में मां को बैद्यनाथ धाम ले जाते बेटे
Source : News State Bihar Jharkhand