Siwan Poisonous Liquor: मार्च, 2016 से बिहार में शराबबंदी है. बावजूद इसके प्रदेश में लगातार उत्पाद विभाग शराब तस्करी करते हुए लोगों को गिरफ्तार कर रही है तो कभी बिहार पुलिस लोगों को शराब पार्टी करते हुए पकड़ रही है. इस बीच एक बार फिर से बिहार में जहरीली शराब कांड से दहशत मच गया है.
सीवान में जहरीली शराब का तांडव जारी
दरअसल, बीते दिन बिहार के सीवान जिले में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत की खबर सामने आई है. जहरीली शराब से पीने वालों की संख्या 20 से ज्यादा पहुंच चुकी है. वहीं, अभी भी कई लोग अस्पताल में एडमिट हैं.
जहरीली शराबकांड की जांच के लिए SIT गठित
मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच के लिए SIT गठित की गई है. जहरीली शराब कांड पर डीएम ने कहा कि स्थानीय पुलिस थाने के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. जहां एक तरफ जिले के एसपी 20 लोगों की मौत की पुष्टि कर रहे हैं तो वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में 29 लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है. फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है. अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर जहरीली शराब आई कहां से? जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
बढ़ता जा रहा है मौत का आंकड़ा
सीवान और सारण दोनों ही जिलों में शराब कांड के बाद से हड़कंप मचा हुआ है. बता दें कि 2016 में प्रदेश में पूर्ण रूप से शराबबंदी के बाद भी लगातार अवैध शराब से लोगों की जान जा रही है. बिहार सरकार ने खुद इसे कबूल करते हुए कहा था कि शराबबंदी के बाद से अब तक कुल 150 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब से मौत हो चुकी है.
यह भी पढ़ें- झारखंड-महाराष्ट्र में होगी 'इंडिया गठबंधन' की जीत, कांग्रेस नेता का बड़ा दावा
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरा
वहीं, जहरीली शराब कांड के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि 'सत्ता संरक्षण में ज़हरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गयी है. दर्जनों की आँखों की रोशनी चली गयी। बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है. इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की.'
एक्शन लेने में सीएम सक्षण और समर्थ हैं?
आगे उन्होंने लिखा कि 'जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते है लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मा॰ मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है. कितने भी लोग मारे जाए लेकिन मजाल है किसी वरीय अधिकारी पर कोई कारवाई हो? इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे व नुक्कड़ पर शराब उपलब्ध है तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है? क्या मुख्यमंत्री जी होशमंद है? क्या CM ऐसी घटनाओं पर एक्शन लेने व सोचने में सक्षम और समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन?'