पटना जंक्शन स्थित जामा मस्जिद के बाहर जुम्मे की नमाज पढ़ने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के खिलाफ नारे लगाए. नारे लगाते हुए लोगों ने अतीक अहमद अमर रहे, शहीद अतीक अहमद का नारा लगाया गया. बता दें कि रमजान महीने अंतिम दिन अलविदा की नमाज अदा की गई. यह पूरा मामला पटना स्टेशन के पास स्थित जामा मस्जिद के सामने का बताया जा रहा है. यहां रोजेदार रमजान महीने के अलविदा की नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे थे. जहां नमाज के बाद सभी ने अतीक अहमद अमर रहें के नारे लगाना शुरू कर दिया. इसके साथ ही उनके समर्थन में यह भी कहा कि अतीक अहमद और अशरफ की शहादत हुई है, दोनों को योजना के तहत मारा गया है.
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अतीक के समर्थन में पटना में लगे नारे
नारे लगाने वाले रईस गजनबी ने कहा कि सरकारी संरक्षण में अपराधियों ने अतीक अहमद और उनके भाई की हत्या कर दी और आज अलविदा की नमाज के दौरान उन लोगों ने खुदा से दुआ की कि अतीक अहमद की शहादत को कुबूल किया जाए. रईस गजनबी ने कहा कि वह अभी भी अपने बयान पर कायम है. अतीक अहमद के साथ समाजवादी पार्टी ने भी नाइंसाफी की.
विवादित पोस्टर में अतीक और अशरफ को बताया गया था शहीद
आपको बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के बीड में भी अतीक अहमद के समर्थन में पोस्टर लगाया गया था. जिसके बाद इस विवादित पोस्टर के मामले में एक्शन लेते हुए चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया गया था. पोस्टर में अतीक और उनके बेटे अशरफ को शहीद बताया गया था.
विजय सिन्हा की मामले पर प्रतिक्रिया
अतीक अहमद अमर रहे के नारे लगाए जाने पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार के अंदर आज जिस तरह से आतंकवादियों, उग्रवादगियों व अपराधियों का शरणस्थल बना रहा है. ये सरकार अपराधी और भ्रष्टाचारी को संरक्षित कर रहा है. आतंकवादी कभी शहीद नहीं हो सकता, शहीद वह है जो राष्ट्रहित और समाज हित मेंए काम कर के अपराधियों का शिकार लगा रहे हैं.
जिसका आका अतीक जी कहकर बुलाता हो, वह बिहार क्या चलाएगा
जो लोग इस तरह का नारा लगा रहे हैं और जो घरियाली आंसू बहा रहे हैं कि पुलिस के संरक्षण में कैसे कायरों की हत्या हुई, उन कायरों से पूछना चाहते हैं कि राजीव गांधी और इंदिरा गांधी कैसे पुलिस संरक्षण में मारे गए. उस समय संविधान की हत्या नहीं हुई. आज अपराधी मारे जा रहे हैं तो कलेजा फट रहा है. इस सरकार का पतन कोई नहीं रोक सकता है. जिसका आका अतीक जी कहकर बुलाता हो, वह बिहार क्या चलाएगा. जो व्यक्ति अपराधियों के गोद में पला बढ़ा है, वह बिहार का हितैषी कभी नहीं हो सकता.
मामले में जदयू की प्रतिक्रिया
अलविदा की नमाज के दौरान नवाजी ने अतीक अहमद को शहीद बताया और जिंदाबाद के नारे लगाए उस पर जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने पलटवार करते हुए कहा कि अतीक अहमद और उसके लोग दुर्दांत अपराधी थे और ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन जिस तरीके से उनकी हत्या पुलिस की मौजूदगी में हुई, यह भी गैरकानूनी है. जनता दल यूनाइटेड उसका समर्थन नहीं करता है. उत्तर प्रदेश में जंगलराज को दर्शाता है. अगर कुछ लोग उसके समर्थन में बोलते हैं तो यह भी स्वीकार नहीं है. यह भी समाज में नकारात्मक संदेश देता है. अपराधी का कोई धर्म, कोई जाति, कोई मजहब नहीं होता है, अपराधी अपराधी होता है. वह मानवता का दुश्मन है और हर व्यक्ति को इसका विरोध करना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- अतीक अहमद अमर रहें के लगे नारे
- पटना के जामा मस्जिद के पास की गई नारेबाजी
- बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने दी प्रतिक्रिया
- कहा- इस सरकार का पतन तय
Source : News State Bihar Jharkhand