इस महीने सोम प्रदोष व्रत 5 तारीख को रहेगा. इस दिन भगवान शिव के पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. यह व्रत दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है. व्रत (Som Pradosh Vrat 2022) में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है. मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. शास्त्रों में प्रदोष व्रत को सर्वसुख प्रदान करने के अलावा परम कल्याणकारी व्रत बताया गया है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर माह में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है. पहला कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में.
इस बार प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को लगा जा रहा है. सोमवार पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जानते हैं. पंचांग के अनुसार सोम प्रदोष व्रत 5 दिसंबर 2022 को पड़ रहा है. इस दिन भगवान शिव के साथ मां पार्वती की पूजा करने का विधान है. माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से शिव जी हर संकट को हर लेते हैं. इसके साथ ही रोग, दोष और भय से छुटकारा मिल जाता है.
सोम प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की पूर्ण कृपा प्राप्त की जा सकती है. इससे जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रह जाता है. धन की कमी को खत्म करने के लिए प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए. प्रदोष व्रत के प्रभाव से हर तरह के रोग दूर हो जाते हैं बीमारियों पर होने वाले खर्च में कमी आती है. अविवाहित युवक-युवतियों को प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए इससे उन्हें योग्य वर-वधू की प्राप्ति होती है.
सोम प्रदोष व्रत
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी आरंभ- 05 दिसंबर 2022 को सुबह 05:57 मिनट पर शुरू
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी समाप्त- 06 दिसंबर 2022 को 06:47 मिनट तक
पूजा का शुभ मुहूर्त - 5 दिसंबर को शाम 05:33 मिनट से रात 08:15 मिनट तक
जमीन के मामले में होता है लाभ
भगवान शिव की पूजा से जमीन जायदाद की समस्या बहुत आसानी से खत्म किया जा सकता है. इसके लिए सुबह के समय जल्दी उठे और हल्के लाल या गुलाबी वस्त्र धारण करें. चांदी या तांबे के लोटे से शुद्ध शहद एक धारा के साथ शिवलिंग पर अर्पण करें. उसके बाद शुद्ध जल की धारा से अभिषेक करें तथा ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः मन्त्र का 108 बार जाप करें. अपनी समस्या के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करें. कुछ ही समय में भगवान शिव की कृपा से जमीन जायदाद की समस्या खत्म होगी.
सुखद वैवाहिक जीवन
यदि सप्तम भाव मे पापी ग्रहों जैसे राहु मंगल शनि केतु के कारण आपके दाम्पत्य जीवन में खटास आ गई है तो यह उपाय जरूर करें. 27 लाल गुलाब के फूल चन्दन के इत्र के साथ शाम के समय पति पत्नी दोनों मिलकर भगवान शिव को नमः शिवाय 27 बार ही बोलकर अर्पण करें. ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी जब कार्य सिद्ध हो जाये तो केले के दो पौधे मन्दिर में लगायें. ऐसा करने से कुछ ही समय में आपके दांपत्य जीवन की खटास कम होने लगेगी.
पूजन विधि
प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें और साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें. भगवान शिव का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें. अब पूजा करें. इसके लिए एक साफ जगह या फिर पूजा घर में एक लकड़ी की चौकी में कपड़ा बिछाकर मां पार्वती और शिव जी की तस्वीर स्थापित करें. इसके बाद फूल, माला, जल, सफेद चंदन, अक्षत, नैवेद्य, बेल पक्ष, शमी पत्र, आक का फूल, धतूरा आदि अर्पित कर दें. अब भोग लगाएं. भोग के बाद घी का दीपक और धूप जलाएं और विधिवत चालीसा, मंत्र आदि करने के बाद आरती कर लें. दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को एक बार फिर स्नान कर लें. स्नान के बाद शिवलिंग को दूध अभिषेक के साथ पंचामृत से स्नान कराएं. फिर शिवलिंग में सफेद रंग का चंदन लगाने के साथ बेलपत्र, आक का फूल, धतूरा, भांग, फूल, माला आदि चढ़ा दें. इसके बाद विधिवत आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें.
यह भी पढ़ें : देश के पहले राष्ट्रपति, जिसने रचे कई इतिहास
Source : News State Bihar Jharkhand