बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने अपनी ही सरकार की पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य की पुलिस के संरक्षण में अवैध दारू और वालू खुदाई का काम चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस चेहरा देखकर कार्रवाई करती है। बार-बार शिकायत के बाद पुलिस कार्रवाई नहीं करती है। उन्होंने कहा कि शराब की बरामदगी मामले में भी टालमटोल करने और कारोबारी के प्रति अनदेखी करने की शिकायतें लगातार सामने आती रही है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस बालू और शराब के खेल में लगी हुई है। पुलिस की कार्यशैली को देखकर यह समझ नहीं आ रहा है कि पुलिस कानून का राज स्थापित करना चाहती है या आम लोगों में दहशत पैदा कर अपराधियों का मनोबल बढ़ाना चाह रही है ....
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मुख्यमंत्री और डीजीपी से शिकायत की दी धमकी
दरअसल, लखीसराय में सरस्वती पूजा समारोह के दौरान राइफल लहराने का वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले में पुलिस ने आयोजक पर कार्रवाई नहीं करके वहां मौजूद दर्शकों पर ही कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले में गिरफ्तार किये गये लोगों के परिजनों ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष जो कि इस क्षेत्र के विधायक भी हैं, उनके सामने गुहार लगाई। लोगों की बात सुनकर विधानसभा अध्यक्ष पुलिस पर भड़क गए और थाना प्रभारी के साथ तमाम पुलिसकर्मियों की जमकर क्लास लगाई। विजय सिन्हा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते अपने विधानसभा क्षेत्र में इस तरह की चीजें कभी बर्दाश्त नहीं करूंगा और पूरे मामले परें मुख्यमंत्री और डीजीपी से बात करूंगा।
भाजपा कार्यकर्ता की गिरफ्तारी से थे नाराज
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अवगत होने के बाद विरुपुर थाना के थानाध्यक्ष द्वारा किये गए कार्रवाई पर बिफर पड़े। मौके पर मौजूद बड़हिया व विरुपुर थाना के थानाध्यक्ष को खूब झाड़ लगाई। वायरल वीडियो मामले में हुई गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उन्होंने कहा कि टालक्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर हुए आर्केस्ट्रा कार्यक्रम की जानकारी उन्हें पूर्व से क्यों नहीं हुई। आर्केस्ट्रा के आयोजन को आपकी लापरवाही क्यों नहीं कही जाय। क्षेत्र के विधायक व विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते मैं बिल्कुल अपने क्षेत्र में किसी व्यक्ति विशेष को टारगेट कर राजनीति से प्रेरित कार्रवाई नहीं होने दूंगा। इस संबंध में स्वयं मुख्यमंत्री से मिलकर वस्तुस्थिति को रखते हुए आपकी (थानाध्यक्षों) की शिकायत आपके मुख्यालय तक रखने का कार्य करूंगा। उन्होंने सवालिया लहजे में नामजदों की संख्या से अवगत होते हुए पूछा कि 20 नामजद के मुकाबले गिरफ्तारी अब तक 2 की ही क्यों हुई है? उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि आर्केस्ट्रा के संयोजक और आयोजन के उद्घाटनकर्ता के विपरीत दर्शक दीर्घा में बैठे युवकों के खिलाफ कार्रवाई और गिरफ्तारी कहां तक उचित है? कोई भी कार्रवाई राजनीतिक मंशा से किसी खास अथवा कमजोर के साथ नहीं होनी चाहिए, बल्कि समान रूप से हर दोषियों के खिलाफ होनी चाहिए। आपको बता दें कि आर्केस्ट्रा के आयोजन और वायरल वीडियो मामले में गुरुवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें शामिल गौतम कुमार सामाजिक भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता हैं।
Source : Rajnish Sinha