लोकसभा चुनाव के लिए अब बस कुछ महीनों का वक्त बचा है. लिहाजा दिग्गजों का चुनावी दौरा शुरू हो चुका है. इसी कड़ी में केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के चुनावी चाणक्य बिहार पहुंचे. जहां उन्होंने अपने दौरे से मिथिलांचल और सीमांचल को साधने की कोशिश की, लेकिन अपनी जनसभा में गृहमंत्री ने कुछ ऐसे बयान दिए जिस पर पटना से लेकर दिल्ली तक सियासत तेज हो गई है. कहते हैं कि राजनीति और धर्म एक दूसरे के पूरक हैं और हमारे देश में इसका अच्छा उदाहरण देखने को मिलता है. जहां चुनावी मौसम आते ही सियासी गलियारों में विकास, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों के बजाय धर्म, मंदिर और देवताओं के नाम की गूंज सुनाई देती है. देश के गृहमंत्री अमित शाह जब बिहार दौरे पर पहुंचे तो नजारा ऐसा ही था. जहां शाह के दौरे के बाद एक बार फिर बिहार में सनातन और राम मंदिर पर बहस छिड़ गई है.
गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर घमासान
मधुबनी के झंझारपुर में शाह महागठबंधन की सरकार पर खूब बरसे. किसी को तेल तो किसी को पानी कह दिया. शाह यही नहीं रुके. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को जहां सनातन विरोधी बताया वहीं लालू यादव पर राम मंदिर नहीं बनवाने का आरोप तक लगा दिया. शाह ने राम मंदिर का जिक्र किया तो प्रदेश का सियासी पारा हाई हो गया. जहां महागठबंधन के नेताओं ने एक सुर में शाह को ये याद दिलाया कि राम मंदिर का निर्माण किसी पार्टी की वजह से नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से हो रहा है.
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क्या बिहार में होंगे समय से पहले चुनाव?
वैसे तो शाह की जनसभा में सनातन और राम मंदिर की गूंज रही, लेकिन उनके एक बयान ने पटना से लेकर दिल्ली तक हलचल तेज कर दी. दरअसल मंच से बीजेपी के चुनावी चाणक्य ने चुनाव को लेकर ऐसा दावा किया कि उसपर जमकर सियासत होने लगी. जहां शाह ने कहा कि बिहार में जल्द विधान सभा चुनाव होंगे. उन्होंने चुनाव में बीजेपी की सरकार बनने का दावा भी कर दिया. शाह के इस दावे पर जहां JDU ने उन्हें नकली भविष्य वक्ता बताया तो कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी चाहती है कि बिहार में समय से पहले चुनाव हो जाए. ताकि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ होने पर बीजेपी को फायदा मिले. हालांकि JDU और कांग्रेस के बयान से बीजेपी वास्ता नहीं रखती. बीजेपी का कहना है कि बिहार सरकार को डर है कि लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव हुए तो कहीं जनता महागठबंधन को नकार ना दे.
चुनावी खेल... कौन पानी,कौन तेल?
बयान पर वार... वार पर पलटवार... ये दौर अभी 2024 तक चलेगा... तब तक जब तक ये साबित ना हो जाए कि जनता की नजरों में कौन तेल है और कौन पानी, लेकिन सवाल उठता है कि क्या सियासतदानों के पास हिंदू-मुसलमान और मंदिर मस्जिद के अलावा कोई और मुद्दा नहीं है. क्या देश में बेरोजगारी खत्म हो गई है? क्या गरीबी खत्म हो गई है? क्या हर शहर और गांव का विकास हो गया है? क्या हमारी शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त हो चुकी है? क्या स्वास्थ्य व्यवस्था का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच गया है?
HIGHLIGHTS
- गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर घमासान
- '24' की लड़ाई... राम मंदिर पर आई!
- सनातन पर बयान... पटना से दिल्ली तक संग्राम
- क्या बिहार में होंगे समय से पहले चुनाव?
Source : News State Bihar Jharkhand