कहते हैं कि प्यार अंधा होता है और एक ऐसी ही अजीबो गरीब कहानी सहरसा में देखने को मिली है, जहां एक मिथुन नामक युवक के सर पर प्यार का बुखार इस कदर चढ़ा कि उसके सामने कुछ दिखाई नहीं दिया. उसने हरप्रीति नाम की लड़की से दोनों परिवार वालों की रजामंदी से ईश्वर को साक्षी मानकर मंदिर में शादी कर ली. हरप्रीति को शादी के कुछ महीने बाद बिहार पुलिस में बतौर सिपाही नौकरी मिल गई और उसने सात जन्मों के पति पत्नी जैसे पाक रिश्तों को पलभर में खत्म कर लिया. मिथुन को पति मानने से भी इनकार कर दिया. मिथुन अब इंसाफ के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा रहा हैं.
मामला दरअसल प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ है, जहां सहरसा के मिथुन कुमार को मधेपुरा जिले के केदारघाट गांव निवासी हरप्रीति कुमारी से प्रेम हो गया जिसके बाद दोनों ने सहरसा के मटेश्वर धाम मंदिर में ईश्वर को साक्षी मानकर दोनों ने शादी कर ली. उसके बाद दोनों खुशी-खुशी जीवन बिता रहे थे. कुछ दिन बाद हरप्रीति कुमारी को बिहार पुलिस मैं नौकरी मिल गई नौकरी मिलने से पहले हरप्रीति कुमारी ने मिथुन कुमार से पैसे की डिमांड की, जिसके बाद मिथुन कुमार ने 14 से 15 लाख रुपए उनके पीछे गवा दिए फिर जब हरप्रीति कुमारी को बिहार पुलिस में नौकरी मिली तो हरप्रीति कुमारी ने मिथुन कुमार को अपना पति मानने से इनकार कर दिया.
मिथुन अपनी पत्नी से मिलने के लिए समस्तीपुर पहुंच गए लेकिन पहुंचने के बाद मिथुन ने जब उनका असली चेहरा देखा तो वह अचंभित हो गए. ऐसा लगा कि उसके पैर से जमीन ही खिसक गई हो. हरप्रीत ने साफ लफ्जो में उसे अपना पति मानने से इंकार कर दिया और मिथुन का नंबर तक ब्लॉक कर दिया. अब मिथुन इंसाफ के लिए पागलों की तरह न्याय की गुहार लगा रहा है, यहां तक कि समस्तीपुर एसपी को भी उन्होंने आवेदन दिया है मिथुन ने बताया कि हिंदू रीति रिवाज के साथ मंदिर में ईश्वर को साक्षी मानकर शादी हुई थी जिसमें दोनों के ही परिवार इस शादी में शामिल थे. शादी होने के महज कुछ ही महीने अपनी पत्नी हरप्रीति के साथ बिताए. जब हरप्रीति को बिहार पुलिस में नौकरी मिली तो उसने मुझको ही छोड़ दिया. फिलहाल हरप्रीति समस्तीपुर जिले के पटोरी थाना में सिपाही के पद पर पदस्थापित है, और पति मिथुन इंसाफ के लिए दर दर की ठोकर खा रहा है.
Source : News Nation Bureau