भागलपुर के सरधो मध्य विद्यालय में पढ़ाई करना किसी जंग लड़ने से कम नहीं है. क्योंकि इस स्कूल में छात्र अपनी जान को हथेली पर रखकर पढ़ाई करते हैं. ये स्कूल भवन खंडहर में तब्दील हो गया है. दीवारों पर दरार और छत की हालत खराब है. इस स्कूल में पढ़ना हर दिन किसी बड़े हादसे को दावत देने जैसा है. इस स्कूल में पहली से 10वीं तक के छात्रों की पढ़ाई होती है. लगभग 500 बच्चे स्कूल में नामांकित है शिक्षक भी पर्याप्त है, लेकिन क्लास रूम सिर्फ 6 हैं. लिहाजा छात्रों को क्लासरूम के बाहर भी बैठाना पड़ता है.
छत से टपकता है पानी
जर्जर स्कूल भवन, प्रबंधन के लिए सिरदर्द बन गया है. बरसात के मौसम में तो हालात बदतर हो जाते हैं. स्कूल की छत से पानी टपकने लगता है. हालांकि परेशानी सिर्फ जर्जर भवन ही नहीं है. यहां के शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं है. स्कूल की ये बदहाली तब है जब स्कूल जिला मुख्यालय से महज़ 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. छात्रों के साथ टीचर्स को भी हमेशा डर सताता रहता है कि कहीं स्कूल भवन गिर ना जाए. ऐसा नहीं है कि प्रशासनिक अधिकारी इससे बेखबर है. कई बार तो अधिकारियों ने स्कूल का जायजा भी लिया है, लेकिन स्कूल प्रबंधन को आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिला.
कब सुधरेंगे हालात
स्कूल की बदहाली की तस्वीरों से शासन-प्रशासन की कार्यशैली कटघरे में है. क्योंकि ये लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है. ऐसे में सवाल ये कि अगर स्कूल में कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ?
HIGHLIGHTS
- 'जमीन' पर है शिक्षा का स्तर
- क्या ऐसे पढ़ेगा और बढ़ेगा बिहार?
- छात्रों को बैठाना पड़ता है क्लासरूम के बाहर
Source : News State Bihar Jharkhand