आज पूरा देश जहां स्वतंत्रता दिवस की 77 वीं वर्षगांठ मना रहा है. हर घर तिरंगा का नारा भी लगाया गया है. वहीं, आपको जानकार हैरानी होगी कि बिहार के पूर्णिया जिले में हर साल 14 अगस्त की रात 12 बजे ही तिरंगा फहराया जाता है. जब से देश आजाद हुआ है. तब से ही हर साल 15 अगस्त की शुरुआत होते ही ध्वजारोहण किया जाता है. इस साल भी आधी रात को ही पूर्णिया शहर के भट्ठा बाजार स्थित झंडा चौक ध्वजारोहण किया गया. इस दौरान सैकड़ों लोग मौके पर मौदजू रहे.
लगातार निभाई जा रही परंपरा
दरअसल, भट्ठा बाजार स्थित झंडा चौक पर वाघा बॉर्डर के तर्ज पर ध्वजारोहण किया जाता है. साल 1947 से लगातार ये परंपरा निभाई जा रही है. इस बार सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में तिरंगा फहराया गया और देश के वीर शहीदों को याद किया गया. सभी ने राष्ट्रगान के बाद एक दूसरे को मिठाई बांटकर स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी.
स्वतंत्रता सेनानी ने फहराया था सबसे पहले झंडा
आपको बता दें कि साल 1947 में जब हमें अग्रेजों से आजादी मिली थी तो रात 12 बजकर एक मिनट पर रेडियो पर भारत के आजादी की घोषणा की गई थी. जैसे ही ये घोषणा हुई तो पूर्णिया के स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर सिंह, रामरतन साह और शमशुल हक ने आधी रात को ही तिरंगा फहराया था. ये तिरंगा भट्ठा बाजार स्थित झंडा चौक पर फहराया गया था और तब से लेकर आज तक ये परंपरा निभाई जा रही है. हर साल आधी रात को ही यहां तिरंगा फहराया जाता है.
HIGHLIGHTS
- हर साल आधी रात को फहराया जाता है तिरंगा
- 1947 से लगातार निभाई जा रही ये परंपरा
- स्वतंत्रता सेनानी ने फहराया था सबसे पहले झंडा
Source : News State Bihar Jharkhand