हमारे देश के जवान वो हैं जिनके कारण हम अपने घरों में सुरक्षित रहते हैं. हमारी सुरक्षा के लिए वो अपने जान की आहुति दे देते हैं, लेकिन बदले में उन्हें सम्मान भी नहीं मिल पता है. बिहार के वैशाली से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसने सभी को अपमानित कर दिया है. जिस शहीद के पिता को सम्मान मिलना चाहिए था उसके साथ ऐसा व्यवहार किया गया जो ये बताता है कि बिहार में प्रशासन का क्या हाल है. पिता तो अपने शहीद बेटे का स्मारक बनाना चाहता है लेकिन इसके बदले में उन्हें जेल मिली. उन्हें गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया इतना ही नहीं उनके साथ मारपीट भी की गई है.
शहीद के पिता को किया गया गिरफ्तार
घटना वैशाली के जंदाहा गांव की है. जहां गलवान घाटी में शहीद हुए जय किशोर के पिता को बर्बरता पूर्वक गिरफ्तार किया गया, जिससे लोग आक्रोशित हो गए . बताया जा रहा है कि पुलिस द्वारा शहीद के पिता की पहले तो पिटाई की गई और फिर उनको गिरफ्तार किया गया. इस घटना से गुस्साए लोगों ने शहीद के स्मारक के पास जमा होकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध किया. बताया जा रहा है कि शहीद जय किशोर के बने स्मारक को लेकर जमीनी विवाद चल रहा था. जबकि स्मारक सरकारी जमीन पर बनाई गई थी और वहां कई माननीय सहित जिला प्रशासन के द्वारा भी शहीद को सम्मान दिया गया था. लेकिन अब उसी शहीद के पिता को प्रशासन के तरफ से ऐसा सम्मान दिया गया है.
जमीनी विवाद में हुई गिरफ्तारी
वो एक ऐसे शहीद के पिता है जिनके बेटे ने चाइना के गलवान घाटी में दुश्मनों से लोहा लेते वक्त अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. दरअसल पूरा विवाद जय किशोर सिंह की शहादत के बाद सरकारी जमीन पर बन रहे जय किशोर सिंह के स्मारक की वजह से है. बताया जा रहा है कि स्मारक निर्माण को लेकर गांव के ही दलित लोगों ने शहीद के पिता राज कपूर सिंह के ऊपर जबरन स्मारक बना कर उनके रोड को कब्जा करने का आरोप लगाया था और साथ में गाली गलौज करने का भी आरोप लगाकर मुकदमा भी दर्ज कराया था.
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आतंकवादी की तरह पिता को किया गया गिरफ्तार
शहीद के पिता का आरोप है कि जंदाहा के थाना अध्यक्ष विश्वनाथ राम जंदाहा थाने की पूरी टीम को लेकर उनको किसी आतंकवादी की तरह गिरफ्तार करने रात के अंधेरे में पहुंचे थे और ना सिर्फ उनकी गिरफ्तारी की गई बल्कि इस दौरान उनके साथ मारपीट और गाली गलौज भी किया गया. यही नहीं गिरफ्तारी के बाद आनन-फानन में शहीद के पिता को विभिन्न धाराओं में जेल भी भेज दिया गया है. जैसे ही घटना की सूचना लोगों को मिली तो जिले भर से लोग स्मारक स्थल पर पहुंचे और गिरफ्तारी का जमकर विरोध किया.
जानिए पुलिस ने इस मामले में क्या कहा
वहीं, इस गिरफ्तारी को सही बताते हुए महुआ एसडीपीओ पूनम केसरी ने कहा कि जमीन अतिक्रमण कर शहीद का स्मारक बनाया गया था. जिससे दूसरे लोगों का रास्ता अवरुद्ध हो गया था. इसी मामले में उनकी गिरफ्तारी की गई है, लेकिन सवाल ये उठता है कि जब जमीन सरकारी थी तो फिर अतिक्रमण कैसे हुआ और वहां पहले से भी कई शहीदों के समारक बने हैं तो फिर इस शहीद के पिता को गिरफ्तार क्यों किया गया.
HIGHLIGHTS
- शहीद के पिता को आतंकवादी की तरह किया गया गिरफ्तार
- जमीनी विवाद में शहीद के पिता की हुई गिरफ्तारी
- शहीद के पिता के साथ की गई मारपीट
Source : News State Bihar Jharkhand