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बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर का बयान-'रामचरितमानस वाले बयान पर कायम हूं'

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरित्र मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है. उनके इस विवादित बयान पर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है.

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Jatin Madan
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बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

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न्यूज स्टेट बिहार झारखंड से खास बातचीत में बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर सिंह ने सफाई देते हुए अपनी बात रामचरितमानस की पंक्तियों से शुरू की. उन्होंने एक चौपाई 'ढोल, गंवार सूद्र और नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी' का गायन करते हुए सवालिया लहजे में पूछा कि ढोल पीटने पर बजेगा?, गंवार पीटने पर ठीक होगा?, शूद्र पीटने पर ठीक होगा? और नारी को भी आप पीटोगे?. भैया! ये क्या चल रहा है? उन्होंने सबरी का जिक्र करते हुए कहा कि भगवान राम सबरी के झूठे बेर खा सकते हैं लेकिन सबरी का बेटा जीतन राम मांझी सीएम रहते हुए या पूर्व सीएम होते हुए भी किसी मंदिर में पूजा करता है तो पाखंडियों द्वारा मंदिर को छुआछूत के विचार से धोया जाता है. 

प्रोफेसर चंद्रशेखर ने आगे कहा कि रामनाथ कोविंद जी देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं तब वो अपनी पत्नी को लेकर जगन्नाथ मंदिर में पूजा पाठ करने गए थे और किन लोगों ने उन्हें मंदिर में घुसने नहीं दिया? किन लोगों ने उन्हें मंदिर से लौटा दिया था? जिन्होंने ऐसा किया था वही लोग हमारे बयान का विरोध कर रहे हैं. मैं अपने बयान पर कायम हूं.

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वहीं, लालू यादव का जिक्र करते हुए प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि लालू यादव इसलिए जहरीले हो गए क्योंकि वो ग्रेजुएट हो गए. अगर लालू जी ग्रेजुएट नहीं रहते तो भैंस के पीठ पर रहते, बकरी चराते. उन्होंने आवाज दे दिया.. ऐ चूहा पकड़नेवालों... सुअर चरानेवालों..घोंघा सतुआ खानेवालों..मछली पकड़नेवालों पढ़ना लिखना सीखो. और ये सब बोलने के कारण लालू यादव जेल भोग रहे हैं. जगदेव प्रसाद जी गरीबों की आवाज उठाए, दो-दो मुख्यमंत्री बनाए. बीपी मंडल और सतीश बाबू को उन्होंने ही मुख्यमंत्री बनाया. गरीबों की आवाज  बनने पर जगदेव प्रसाद को गोली मारी गई. महात्मा फूले की धर्मपत्नी को अपमानित किया गया.

मेरी वैल्यू बढ़ गई

वहीं, अपनी जीभ काटने पर 10 करोड़ के इनाम के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम अम्बेडकर की संतान हैं, महात्मा फूले के संतान हैं हम डरने वाले नहीं हैं. मोहन भागवत के कहने पर इस तरह के फतवे जारी होते हैं. मनुवादी शुरू से ही इस बात का विरोध करते रहे हैं. जो दलित और निम्न जाति का आदमी वेद का ज्ञाता हो जाता है तो उसका जीभ कटवा देते हैं, वेद सुन लेता है तो उसके कानों में गर्म सलाखें डाल देते हैं ताकि वह किसी से कुछ कह सुन ना सके. हम डरने वाले नहीं है. मेरी जीभ काटने पर 10 करोड़ का इनाम रखकर मेरा वैल्यू बढ़ा दी गई है.

क्या कहा था प्रो. चंद्रशेखर ने 

बिहार के शिक्षा मंत्री ने राम भक्तों की आस्था पर सवाल खड़े किए हैं. भगवान राम पर आधारित ग्रंथ को नफरत फैलाने ग्रंथ बताया है. नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए बिहार के शिक्षा ने यहां तक कह डाला कि राम चरित मानस समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. चंद्रशेखर यहीं नहीं रूके. उन्होंने मनुस्मृति को समाज में जहर बोने वाला ग्रंथ करार दिया है. चंद्रशेखर RSS पर भी निशाना साधाने से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि संघ से जुड़े लोग समाज में नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं.

शिक्षा मंत्री नहीं लंपट मंत्री : BJP 

चंद्रशेखर के बयान पर BJP और JDU आमने सामने है. बीजेपी ने आरजेडी की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए तेजस्वी यादव से माफी की मांग की है, तो JDU इस बयान को बिहार के अच्छे माहौल से जोड़ रही है. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता हरि भूषण ठाकुर बचौल ने कहा है कि रामचरित्र मानस पर बयान देने वाले शिक्षा मंत्री नहीं लंपट मंत्री हैं. उन्होंने कहा यह सिर्फ मुस्लिम तुष्टीकरण एवं वोट की राजनीति के लिए इस तरीके का बयान दे रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की कि ऐसे मंत्री को अविलंब अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए. बीजेपी ने बयान को तुष्टीकरण और हिन्दू आस्था को ठेस पहुंचाने वाला करार दिया. शहजाद पूनावाला ने कहा कि ये बयान वोट बैंक के लिए RJD का प्रयोग है, संयोग नहीं.

विवादित बयान पर राजद की सफाई

शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के राम चरित्र मानस पर दिए विवादित बयान पर राजद का कहना है उनकी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करने वाली पार्टी है. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने इस पंक्ति का वर्णन किया है उसके बाद राम चरित्र मानस में और भी बहुत कुछ बातें लिखी गई है. राजद सभी धर्मों के धर्म ग्रंथों का सम्मान करती है. उन्होंने कहा कि राम चरित्र मानस पर बीजेपी का कॉपीराइट नहीं है. बीजेपी हमेशा से राम के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी रही है. उपेंद्र कुशवाहा के डिप्टी सीएम बनने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि मंत्री बनाना सीएम का विशेषाधिकार होता है. उससे उनकी पार्टी का कोई लेना देना नहीं था. जहां तक प्रेशर पॉलिटिक्स की बात रही तो कल मुख्यमंत्री ने इससे खुद सिरे से खारिज कर दिया है.

गुस्से में संत समाज

वहीं, इस मामले पर संत समाज गुस्से में है. संतों ने नीतीश कुमार से चंद्रशेखर को तत्काल बर्खास्त करने के मांग की है. अयोध्या के संतों की माने तो ये देश राम का है. राम हमारे आदर्श हैं. राम चरित्र मानस समाज को तोड़ने नहीं बल्कि जोड़ने वाला पवित्र गंथ है. वहीं, अब ये लड़ाई चीभ कटाने तक पहुंच गई है. आचार्य परमहंस ने तो यहां तक ऐलान कर दिया कि जो बिहार के शिक्षा मंत्री की चीभ कटकर लाएगा उसको 10 करोड़ का ईनाम दिया जाएगा.

हिन्दू संगठनों ने जताया विरोध 
चंद्रशेखर के बयान को लेकर हिन्दू संगठन अपना विरोध जता रहे हैं. श्री राम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक ने कहा है कि चंद्रशेखर शिक्षा मंत्री पद के लिए अयोग्य हैं और उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं, अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा है कि बिहार के शिक्षा मंत्री राम मंदिर बनने से बेचैन हैं.

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HIGHLIGHTS

  • अपने विवादित बयान पर कायम हैं शिक्षामंत्री चंद्रशेखर
  • जीभ काटने की धमकी देने वाले को बताया पाखंडी
  • जाति बांटने वाली बातों का विरोध होना जरुरी
  • हम सबरी के जुठे बैर खाने वाले राम के भक्त
  • ये विचारों का संघर्ष है- चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री

Source : News State Bihar Jharkhand

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