छपरा जहरीली शराब से मौतों के मामले में अब बयानबाजी शुरू हो गई है. विपक्ष जहां इसे सरकार की विफलता बता रही है तो वहीं, अब पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने इसे नरसंहार करार दिया है. मौजूदा सरकार से इस्तीफे के बाद भी सुधाकर सिंह लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. सुधाकर सिंह ने कहा कि इतने लोगों की मौत होना आम बात नहीं है. पोस्टमार्टम में जितनी रिपोर्ट आए हैं उससे ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जिसे छिपाने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून बिहार में पूरी तरह विफल है. छपरा में जहरीली शराब से 35 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिसे उन्होंने नरसंहार बताते हुए कहा कि दर्जनों मौत को छुपाया जा रहा है. पोस्टमार्टम तो कुछ ही लोगों का किया गया है. वहीं, सुधाकर सिंह ने कहा कि न्यायिक आयोग का गठन करना चाहिए, एक रिपोर्ट बनानी चाहिए ताकि पता चल सके कि इस कानून से बिहार को कितना फायदा हुआ और कितना नुकसान हुआ है.
दूसरी तरफ, सीएम नीतीश ने कहा कि जब शराबबंदी नहीं थी तब भी लोग जहरीली शराब से मरते थे. अन्य राज्यों में भी बड़ी संख्या में लोग मरते हैं. लोगों को सचेत रहना चाहिए. क्योंकि यहां शराब बंदी है तो कुछ गड़बड़ तो बेचेगा ही, जिससे लोगों की मौत हो जाती है. लोगों को याद रखना चाहिए कि शराब नहीं पीनी है. शराब बुरी चीज है, लेकिन फिर भी लोग पी लेते हैं. उन्होंने कहा कि जो शराब पिएगा वो तो मरेगा ही. ये उदाहरण है कि पियोगे तो मरोगे. लोगों को समझाने की जरूरत है. इसलिए तो हमने इतना बड़ा अभियान चलाया था, लेकिन फिर भी मैंने अपने अधिकरियों को पहले ही कह दिया है कि गरीब लोगों को मत पकड़ो बल्कि उसे पकड़ो जो शराब बना रहा है बेच रहा है. हमने शराब बंदी बिहार के महिलाओं के कहने पर की थी. वहीं, विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि आपलोगों ने भी शरबबंदी का नारा लगाया था. सारे दल के लोगों ने मिलकर ये फैसला लिया था तो अब क्या हो गया.
HIGHLIGHTS
- जहरीली शराब से मौत पर सुधाकर सिंह का बड़ा बयान
- जहरीली शराब से मौत नरसंहार- सुधाकर सिंह
- जहरीली शराब से मौत की न्यायिक जांच हो- सुधाकर
Source : News State Bihar Jharkhand