मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. बिहार में नई सरकार बनते ही विपक्ष ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. नीतीश कुमार ने जब महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली तो उनके विरोध में याचिका दायर की गई थी लेकिन अब महागठबंधन की सरकार के खिलाफ दल बदल विरोधी कानून के तहत सरकार को हटाने की मांग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
याचिका में कहा गया था कि नीतीश कुमार ने बिहार में चुनाव पूर्व गठबंधन को तोड़कर आरजेडी और महागठबंधन के अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई, जो मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी है. साल 2020 में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी. अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़कर आरजेडी के साथ सरकार बनाई. जिसके बाद चंदन कुमार ने याचिका दायर कर नई सरकार को दल बदल कानून के तहत हटाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी.
जस्टिस एम आर शाह और एमएम सुंदरेश की पीठ ने इसे दल बदल कानून के तहत नहीं माना और याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. इस मामले में अधिवक्ता विमल जॉनसन केरकट्टा, सलोनी सरण, कुमार राजीव, धर्मशीला, कुमुदनी प्रियदर्शिनी भी याचिकाकर्ता हैं.
Source : News State Bihar Jharkhand