सुप्रीम कोर्ट ने बेवजह किए गए याचिका से नाराज होकर बिहार विधायक रविन्द्र सिंह पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट विधायक को फटकार लगाते हुए कहा है कि वह विधायक है और इसका यह मतलब नहीं है कि बेवजह की याचिका दायर कर दें। सुप्रीम कोर्ट ने एक और याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना किया।
चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली ने फैसला सुनाया।बिहार के अरवल से राष्ट्रीय जनता दल के विधायक को वर्ष 1994 में छपे एक आलेख को लेकर आपत्ति थी। उन्होंने इसकी जांच कराने की गुहार की थी। आलेख पिछड़ी जाति से संबंधित था। पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आलेख वर्ष 1994 में छपा था, ऐसे में आप इतने वर्ष बाद क्यों याचिका लेकर आए।
और पढ़ें:बिहार में अब बच्चों की क्लास लगाएंगे सरकारी अफसर, पटना के डीएम ने दिया आदेश
याचिकाकर्ता विधायक की ओर से कहा गया है कि विधायक ने वर्ष 2013 में इस आलेख को पढ़ा और इसके बाद उन्होंने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की लेकिन दिसंबर में हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
लेकिन पीठ ने याचिका को फालतू बताते हुए याचिकाकर्ता पर दस लाख रुपये जुर्माना कर दिया। याचिकाकर्ता ने पीठ ने जुर्माने को कम करने की गुहार की लेकिन पीठ ने इसे ठुकरा दिया।
और पढ़ें:बिहार: बीएसएससी पेपर लीक मामले में सचिव समेत 16 लोग गिरफ्तार
वहीं एक अन्य मामले में एक लाख अन्य सख्स पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना महाराष्ट्र के रहने वाले 66 वर्षीय एक शिक्षक पर लगा है। इनको कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा है,' आप महाराष्ट्र के रहने वाले हैं और आप गुजरात से संबंधित मामले को लेकर याचिका दायर की है और वह भी सीधे सुप्रीम कोर्ट में।'
पीठ ने पूछा कि आखिर आप हाईकोर्ट क्यो नहीं गए? कोर्ट का कहना है कि इस तरह याचिकाओं की वजह से कोर्ट का समय बर्बाद होता है।
और पढ़ें:Jio Cinema के यूजर्स अब डाउनलोड कर सकते हैं अनलिमिटेड फिल्म
Source : News Nation Bureau