एक महिला से रेप के आरोपों का सामना कर रहे बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट में शाहनवाज हुसैन को राहत देने से इन्कार करते हुए कहा है कि उनके खिलाफ रेप का केस चलता रहेगा. बता दें कि 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके एक महिला ने शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रेप का आरोप लगाया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को आदेश दिया था कि वह महिला की याचिका पर सुनवाई करे. दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शाहनवाज हुसैन सुप्रीम कोर्ट गए थे और खुद पर लगे आरोपों को फर्जी बताते हुए केस ना चलाने की अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता को राहत देने से इन्कार करते हुए व हाईकोर्ट के फैसले को सही मानते हुए याचिका खारिज कर दी.
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पहले स्टे लगाया था
बता दें कि इस मामले में पहले शाहनवाज हुसैन को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया था लेकिन आज याचिका पर अंतिम फैसला करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया और उसे रद्द करने से मना कर दिया. यानि कि अब शाहनवाज हुसैन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दिल्ली पुलिस रेप का मामला दर्ज करके जांच करेगी.
मामले पर एक नजर
2022 में दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता के खिलाफ दिल्ली पुलिस को रेप का FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था. उनपर 2018 में एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था. पीड़ित महिला द्वारा जून 2018 में पहली बार शिकायत दर्ज कराई थी और लगभग 4 साल बाद 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में दिल्ली पुलिस से एफआईआर दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया था लेकिन शाहनवाज हुसैन दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे, जहां से आज उन्हें करारा झटका लगा है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है.
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क्या है शाहनवाज हुसैन पर आरोप?
पीड़ित महिला के मुताबिक बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने 2018 के अप्रैल माह में में उसे अपने छतरपुर स्थित फार्महाउस पर बुलाया था. आरोप है कि वहां कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया गया और अचेत होने पर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था. मामले में पीड़ित महिला ने दिल्ली पुलिस में शिकायत की लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इन्कार कर दिया. पीड़ित महिला पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज ना किए जाने पर दिल्ली के मेट्रोपोलिटन कोर्ट में सीआर.पी.सी. की धारा 156(3) के तहत याचिका दाखिल की. दिल्ली पुलिस द्वारा कोर्ट द्वारा मांगी गई रिपोर्ट जुलाई 2018 में दाखिल किया गया था और रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस द्वारा ये भी कहा गया था कि जो भी आरोप पीड़ित महिला लगा रही है उनकी पुष्टि नहीं हो पाई है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने पीड़ित महिला की दलीलों को सही मानते हुए दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था.
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पहले स्टे, फिर राहत देने से इन्कार
मामले में शाहनवाज हुसैन हाईकोर्ट पहुंचे और उन्हें राहत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया. पीड़ित भी हाईकोर्ट की शरण में पहुंची और अपनी बात रखी. दिल्ली हाईकोर्ट को भी पीड़ित महिला की दलीलों में सच्चाई दिखी और हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को एफआईआर न दर्ज करने के लिए जमकर लताड़ लगाई. हाईकोर्ट ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के फैसले को सही बताते हुए दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश पारित किया लेकिन शाहनवाज हुसैन फिर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए. सुप्रीम कोर्ट ने भी पहले शाहनवाज हुसैन को राहत देते हुए स्टे दे दिया लेकिन अब अंतिम फैसला करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया और शाहनवाज हुसैन को किसी भी प्रकार का राहत देने से इन्कार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी.
किन धाराओं में दर्ज होगा मुकदमा?
पीड़ित महिला द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं उनके तहत शाहनवाज हुसैन के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 376 (रेप करने), धारा 328 ( किसी व्यक्ति के खाने-पीने के सामान में नशाली पदार्थ मिलाने), धारा 120बी (आपराधिक षणयंत्र रचने), धारा 506 (जान से मारने की धमकी देने ) के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी.
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट से शाहनवाज हुसैन को करारा झटका
- SC ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को ठहराया सही
- शाहनवाज हुसैन पर चलेगा रेप का केस
Source : News State Bihar Jharkhand