बिहार में सियासी हलचलें थमने का नाम ही नहीं ले रही. पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना कर बिहार में अतिपिछड़ों को आरक्षण दिये बिना चुनाव कराने की जिद पर अड़े मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हाई कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी. उन्हें कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा. श्री मोदी ने कहा कि यदि सरकार ने विशेष आयोग बनाने का निर्णय पहले कर दिया होता, तो यह फजीहत नहीं होती. नीतीश कुमार की हालत उस पठान जैसी है, जिसने 40 जूते भी खाए और 40 प्याज भी. कोर्ट ने उनके अहंकार को तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि जब महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव पर रोक लगने का हवाला देकर हम नीतीश कुमार से बार-बार कह रहे थे कि निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाया जाए, तब हमें आरक्षण-विरोधी बताया जाने लगा.
श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की जिद के चलते निकाय चुनाव बीच में रुकने से अतिपिछड़ों के जो करोड़ों रुपये नुकसान हुए, उसकी भरपायी कौन करेगा? उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में सरकार को झुकना पड़ा और आयोग बनाकर आरक्षण देने और दिसम्बर के पहले निकाय चुनाव कराने की बात माननी पड़ी.
Source : News State Bihar Jharkhand