बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने शनिवार को कहा कि संविधान के खंड-3 के अंतर्गत धारा 15 (4) और (5) के तहत आरक्षण अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्गो का मौलिक अधिकार है. भाजपा के रहते कोई ताकत इस अधिकार से इन वर्गो को वंचित नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने संविधान संशोधन कर प्रोन्नति में आरक्षण दिया तो नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार ने दलित अत्याचार निवारण अधिनियम में 23 नई धाराएं जोड़कर उसे और कठोर बनाया तथा जब सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ धाराओं को शिथिल किया तो कानून में संशोधन कर उसे पुनस्र्थापित किया.
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मोदी ने कहा कि देश की संवैधानिक संस्थाओं से भी उनकी अपील है कि वे आरक्षण से जुड़े अत्यंत संवेदनशील मुद्दों पर काफी सावधानी बरतें, क्योंकि यह लाखों-करोड़ों लोगों की भावनाओं से जुड़ा मामला है. उन्होंने कहा कि आरक्षण बाबा साहेब अंबेडकर और महात्मा गांधी की देन है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने प्रोन्नति में आरक्षण देने के लिए संविधान में 77वां, 81वां और 82वां यानी तीन-तीन बार संशोधन किया तथा उनकी रिक्तियों को सुरक्षित रखने का भी प्रावधान किया.
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उन्होंने कहा, 'आरक्षण को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध भाजपा जहां नौकरियों में दलितों के प्रोमोशन में आरक्षण का समर्थन करती है, वहीं दलित आरक्षण में क्रीमी लेयर का कभी पक्षधर नहीं रही है. भाजपा का स्पष्ट मत है कि अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्गो का आरक्षण अक्षुण्ण रहना चाहिए और उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए.'
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