बिहार को पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने नियोजित शिक्षकों के लिए बिहार की नीतीश सरकार से बड़ी मांग करते हुए कहा है कि नियोजित शिक्षकों को बीपीएससी परीक्षा से सरकार को छूट देनी चाहि. उन्होंने साथ ही शिक्षकों के मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि पात्रता परीक्षाएँ उत्तीर्ण युवाओं को सीधे नियुक्ति पत्र मिलना चाहिए. नियोजित शिक्षकों की मांग के लिए भाजपा ने भी लाठियाँ खाई हैं. उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षक-भर्ती, राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए 16 हजार करोड़ रुपए चाहिए.
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला जल्द किया जाना चाहिए और सरकार को घोषणा करनी चाहिए कि जिन नियोजित शिक्षकों ने बीपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन किया है, उन्हें परीक्षा में बैठने की जरूरत नहीं है. सुशील मोदी ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को बिना किसी जांच परीक्षा के राज्यकर्मी का देने की मांग के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने लाठी खायी और बलिदान किया, लेकिन अब तक सरकार ने कुछ नहीं किया.
उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार एक तरफ सत्तारूढ दलों से विचार-विमर्श का नाटक कर टाइम पास कर रही है , तो दूसरी तरफ 1.70 लाख नियमित शिक्षकों की नियुक्ति बीपीएससी से कराने के लिए परीक्षा कार्यक्रम भी घोषित कर चुकी है. सुशील मोदी ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के मुद्दे सर्वदलीय बैठक बुलायी जानी चाहिए और इसमें पात्रता परीक्षा ( टीईटी/एसटीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अब और कोई परीक्षा लिए बिना नियुक्ति पत्र देने के मुद्दे पर भी निर्णय लिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि वेतन मद में केंद्र सरकार सांकेतिक सहायता ही करती है, इसलिए राज्य सरकार को नई शिक्षक नियुक्ति के लिए 11000 करोड़ और नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए 5000 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था अपने बूते करनी होगी.
HIGHLIGHTS
- सुशील मोदी की नीतीश सरकार से मांग
- नियोजित शिक्षकों को BPSC परीक्षा से मिले छूट
- सर्वदलीय बैठक बुलाने की भी सुशील मोदी ने की मांग
Source : News State Bihar Jharkhand