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सुशील मोदी का CM नीतीश से सवाल, कहा-'लालू को खुद दिलवाए हैं सजा, अब क्यों बहा रहे घड़ियाली आंसू?'

सुशील मोदी ने कहा है कि चारा घोटाला मामले में लालू यादव को सजा दिलाने में नीतीश कुमार और ललन सिंह का ही सबसे बड़ा हाथ है और अब लालू यादव की जमानत रद करने की अपील पर घड़ियाली आँसू बहा रहे हैं.

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Shailendra Shukla
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सुशील मोदी( Photo Credit : फाइल फोटो)

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बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने एक बार फिर से लालू यादव के बहाने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर करारा हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा है कि चारा घोटाला मामले में लालू यादव को सजा दिलाने में नीतीश कुमार और ललन सिंह का ही सबसे बड़ा हाथ है और अब लालू यादव की जमानत रद करने की अपील पर घड़ियाली आँसू बहा रहे हैं. उन्होंने नीतीश-ललन को चुनौती देते हुए कहा कि क्या घोषणा करेंगे कि घोटाले के जो कागजात दिये, वे फर्जी थे ?

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि चारा घोटाले में लालू प्रसाद को जेल भेजने से लेकर सजा दिलाने तक नीतीश कुमार और ललन सिंह ने जो सक्रियता दिखायी, उसके लिए क्या वे लालू परिवार से माफी मांगेंगे? सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद को 1000 करोड़ रुपये के चारा घोटाले के चार मामलों में सजा हुई और अब जब उनकी जमानत रद करने की अपील के साथ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की तो नीतीश कुमार घड़ियाली आँसू बहा रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि यदि हिम्मत है तो नीतीश कुमार घोषणा करें कि चारा घोटाला मुद्दे पर उनके समर्थकों ने जो लोकहित याचिका दायर की थी और जो सबूत पेश किये थे, वे सब फर्जी थे. सुशील मोदी ने कहा कि "नौकरी के बदले जमीन" मामले में भी लालू परिवार के विरुद्ध ठोस सबूत और दस्तावेज ललन सिंह ने उपलब्ध कराये. उन्होंने कहा कि पहले जिन लोगों ने लालू प्रसाद को फँसाया और सजा ऐसी दिलायी कि वे मुखिया का भी चुनाव नहीं लड़ सकें, वही लोग अब जनादेश से विश्वासघात कर लालू प्रसाद के हमदर्द बन रहे हैं.

सुशील मोदी ने कहा कि किसी मामले में जमानत देना या रद करना अदालत का काम है और न्यायपालिका किसी की राजनीतिक सुविधा के हिसाब से फैसले नहीं करती. उन्होंने कहा कि लालू -विरोध से लालू-समर्थक बन जाना नीतीश कुमार की राजनीतिक बाजीगरी है, लेकिन इससे सच नहीं बदल जाएगा. वे सजायाफ्ता को पीड़ित बताने में सफल नहीं होंगे.

17 अक्टूबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई

बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता व बेल पर बाहर चल रहे लालू यादव की जमानत को रद्द कराने के लिए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. आज यानि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई द्वारा दाखिल की गई याचिका के विरोध में लालू यादव द्वारा दाखिल किए गए हलफनामें पर सुनवाई की और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले में अगली सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 अक्टूबर 2023 की तिथि तय की गई है. लालू यादव की जमानत रद्द की जाएगी या उन्हें जमानत मिली रहेगी इसपर अब 17 अक्टूबर 2023 को अगली सुनवाई होगी.

बता दें कि लालू यादव को चर्चित चारा घोटाला के 5 मामलों में दोषी पाए गए हैं। डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ 50 लाख रुपये की निकासी से जुड़े मामले में उन्हें 5 साल की सजा सुनाई गई थी जिसके बाद आधी सजा की अवधि पूरी करने के बाद उन्हें झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. लालू पर  चाईबासा, देवघर, डोरंडा, दुमका चारा घोटाला में केस दर्ज हैं.

सीबीआई ने क्या कहा है याचिका में?

सीबीआई द्वारा लालू की जमानत को चुनौती देते हुए कहा गया है कि लालू को बेल खराब तबीयत और इलाज के लिए मिला था, अब वो पूरी तरह स्वस्थ हैं. इसलिए उन्हें सजा पूरी करने के लिए जेल भेजा जाना चाहिए. वहीं, सीबीआई द्वारा दाखिल की गई याचिका के जवाब में लालू ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है और हलफनामें पर आज यानि शुक्रवार को सुनवाई हुई है.

HIGHLIGHTS

  • सुशील मोदी ने फिर बोला नीतीश-ललन सिंह पर हमला
  • आरजेडी चीफ लालू यादव के बहाने बोला हमला
  • कहा-चारा घोटाला में खुद सजा दिलाने में निभाई भूमिका, अब आंसू बहा रहे

Source : News State Bihar Jharkhand

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