प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आम सहमति से अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया और राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया. कोर्ट के इस फैसले को बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भारत की न्याय व्यवस्था का मान बढ़ाने वाला बताया है. इसके लिए उन्होंने सभी न्यायाधीशों का आभार और अभिनंदन है. साथ ही सुशील मोदी ने कहा है कि कोर्ट के फैसले का सबको सम्मान करना चाहिए. इसमें किसी की हार नहीं और जीत सबकी है.
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अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने हिंदू और मुस्लिमों से एकता की मिसाल कायम करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के पांच माननीय न्यायाधीशों ने जिस धैर्य के साथ सबको अपनी बात रखने का मौका दिया और तथ्यों के आधार पर सर्वसम्मति से जो फैसला सुनाया, उसका सबको सम्मान करना चाहिए. इसमें किसी की हार नहीं और जीत सबकी है.' सुशील मोदी ने आगे कहा, 'अब हिंदुओं को मस्जिद बनाने में और मुसलमानों को राम मंदिर बनाने में सहयोग कर देश की एकता को मजबूत करना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'अयोध्या में रामजन्म भूमि मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय देश की परंपरा, आस्था और भावनाओं का सम्मान करने वाला है. इससे मंदिर भी बनेगा और मस्जिद भी बनेगी. इस ऐतिहासिक फैसले के साथ सामाजिक सौहार्द पर विपरीत असर डालने वाला एक विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो गया है. आज भारतीय संस्कृति का सूर्य कटुता के ग्रहणकाल से मुक्त हो रहा है.' इससे पहले सुशील मोदी ने कहा, ' 'अयोध्या मुद्दे पर लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भारत की न्याय व्यवस्था का मान बढ़ाने वाला है. इसके लिए सभी माननीय न्यायाधीशों का आभार, अभिनंदन.'
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गौरतलब है कि शनिवार को हिन्दुओं के सबसे बड़े आराध्य श्रीराम का अयोध्या में मंदिर बनने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया. अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को विवादित पूरी 2.77 एकड़ जमीन राम लला को दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी तौर पर श्रीराम को एक व्यक्ति मानते हुए अयोध्या में राम मंदिर का रास्ता साफ कर दिया है. साथ ही मुस्लिम पक्ष के लिए अयोध्या में ही दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है.
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