टमाटर समेत दूसरे सब्जियों के दाम में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है लेकिन टमाटर अब आपको 80 रुपए प्रतिकिलो में भी मिल सकता है. दरअसव, NAFED के द्वारा पटना के रहनेवालों को 80 रुपए प्रतिकिलो टमाटर बेचा जा रहा है. एक तरफ़ जहाँ देश के लगभग सभी राज्यों में और बिहार में भी टमाटर के दाम आसमान छू चुके हैं तो वहीं अब आम आदमी के लिए NAFED से राहत भरी खबर सामने निकलकर आई है. अगर टमाटर के दाम की बात की जाए तो पटना में 150 रुपये किलो टमाटर जो है वह मिलता है. ऐसे में अब लोगों को काफ़ी परेशानी हो रही थी और इस परेशानी को देखते हुए अब भारत सरकार जो है वह कम दामों में लोगों को टमाटर मुहैया करा रही है. इसी क्रम में पटना के विस्कोमन भवन के नीचे केंद्र सरकार के द्वारा और NAFED के द्वारा पटना वासियों को टमाटर आधे दाम में यानी के 80 रुपये किलो दिया जा रहा है.
ये टमाटर आंध्र प्रदेश से मंगवाया गया है और लोगों को सस्ते दाम में दिया जा रहा है, ताकि टमाटर की ब्लैक मार्केटिंग कम हो सके और लोगों को सस्ते दामों में टमाटर मिल सके. वहीं वेंडर्स का कहना है कि प्रति व्यक्ति 2 किलो से ज़्यादा टमाटर नहीं दिया जा रहा है. अब ऐसे में देखना होगा कि जहाँ मंडी में डेढ़ सौ रुपये किलो तक टमाटर मिल रहा है, वहीं सरकार आधे दाम में देखकर लोगों को कितना सहायता पहुँचाती है.
मुंबई में खुदरा बाजार में सब्जियों के दाम आसमान पर, ऑनलाइन में सस्ती
मुंबई और दूसरे बड़े शहरों में रोजमर्रा की सब्जियों के दाम खुदरा बाजार में आसमान छू रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में टमाटर में सबसे जबरदस्त तेजी देखी गई है और अगस्त तक यही हाल रहने की आशंका है. इसके विपरीत, समान दैनिक उपयोग की लोकप्रिय सब्जियों की कीमतें ई-बाज़ारों या अधिकांश प्रमुख ऑनलाइन पोर्टल जैसे जियो फ्रेश, रिलायंस स्मार्ट, अमेज़ॅन, बिगबास्केट, नेचर्स बास्केट पर 20-40 प्रतिशत कम हैं.
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इनमें से कई साइटों को देखने से पता चला कि न केवल बाजार की तुलना में कीमतें कम हैं, यहां ताजी सब्जियों की काफी मांग है और इसलिए कुछ कंपनियां 24-48 घंटों के बाद ही डिलीवरी का वादा कर रही हैं. उदाहरण के लिए, ऑनलाइन पोर्टल पर टमाटर की कीमतें 70-90 रुपये के बीच हैं, जबकि खुले बाजारों में इसकी कीमत 100-130 रुपये है. साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन अधिकांश अन्य सब्जियों की दरों में भी भारी अंतर है. शहर के अन्य लोकप्रिय लेकिन छोटे ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं या डिपार्टमेंटल स्टोरों ने या तो महंगी सब्जियों को अपनी सूची से हटा दिया है या लगभग समान दरों वाली सब्जियां रखी हैं. इससे गली-गली घूमकर सब्जियां बेचने वालों को कड़ी चुनौती मिल रही है.
विशेषज्ञों और बाजार के जानकारों का दावा है कि मई के मध्य की तुलना में कीमतों में हालिया भारी बढ़ोतरी कई कारणों से हुई है. इनमें से प्रमुख हैं भारत के अधिकांश हिस्सों में मानसून की देरी से शुरुआत, आपूर्ति में अप्रत्याशित कमी, फसल पैटर्न में बदलाव और ईंधन की बढ़ती कीमतें. बाजार के जानकारों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से बाजार को पुराना स्टॉक मिल रहा है. बारिश में देरी के कारण असामान्य कमी हो गई है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही, बड़ी मात्रा में प्याज और आलू खराब हो गए और स्टॉक के लिए कोई खरीदार नहीं है जो अब एपीएमसी में 10-12 रुपये प्रति किलोग्राम और खुदरा बाजारों में लगभग 20-25 रुपये प्रति किलोग्राम पर जा रहा है, लेकिन इसमें तेजी आएगी. उन्होंने आगाह किया कि अगस्त तक आलू 35-45 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकता है.
HIGHLIGHTS
- NAFED बेच रहा है 50 रुपए प्रतिकिलो टमाटर
- पटना में NAFED दे रहा है सुविधा
- एक व्यक्ति दो किलो से ज्यादा टमाटर नहीं खरीद सकता
Source : News State Bihar Jharkhand