बांका के अमरपुर प्रखंड में चिलचिलाती धुप में जहां एक तरफ जनजीवन पुरी तरह अस्त व्यस्त हो गई है तो वहीं दुसरी तरफ अधिकतर गांवो में पानी का जलस्तर पाताल में जाने से ग्रामीण समेत पशु पक्षि पानी के लिए तरस रहे हैं. ताजा मामला तारडीह पंचायत के वार्ड नंबर दस वैदाचक गांव की है. जहां एक हजार की आबादी वाले इस गांव में ग्रामीण समेत पशु पक्षियो में इस चिलचिलाती धुप में पीने की पानी के लिए हाहाकार मची हुई है. गांव में जलस्तर पाताल में चले जाने की वजह से अधिकतर चापाकलों से पानी नहीं आ रहा है. गांव के सभी तालाब, नदी सुख गये हैं.
सुबह से ही पानी की तलास में पड़ रहा है भटकना
वहीं, गांव में पंचायती राज विभाग के द्वारा निर्मित जलमिनार ने भी डेढ़ माह से पानी देना बंद कर दिया है. जिसके कारण आम लोगो में साफ तौर पर बैचैनी देखी जा रही है. ग्रामीणों ने बताया कि अहले सुबह से ही पानी की तलास में भटकना पड़ रहा है. गांव से करीब एक किलोमीटर दुर अवस्थित बहियार में जब पटवन के लिए मोटर चलाई जाती है तो गांव के बच्चे, महिलाएं व अन्य ग्रामीण बाल्टी, डिब्बा आदी लेकर खेतो में पहुंच जाते हैं और वहां से पानी भर कर लाने पर मजबुर हो रहे हैं.
एक - एक बुंद पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण
उन्होंने बताया कि गांव की अधिकतर चापाकलों ने पानी देना बंद कर दिया है. पंचायती राज योजना के तहत हर घर में पानी का कनेक्शन दिया गया है लेकिन डेढ़ माह से नलों में पानी नहीं आ रहा है. नदी, तालाब सुख जाने की वजह से मवेशियों को भी पानी पिलाने में बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि एक तरफ बिहार सरकार जल ही जीवन है के नारे लगाकर जल संरक्षण की बात कर रहे हैं और वहीं दुसरी तरफ चिलचिलाती धुप में ग्रामीण एक -एक बुंद पानी की समस्याओं से जुझ रहे हैं. कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधियों ने वैदाचक गांव आकर ग्रामीण की समस्या तक सुनना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं.
रिपोर्ट - बीरेंद्र मंडल
HIGHLIGHTS
- पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण
- सुबह से ही पानी की तलास में भटकते हैं ग्रामीण
- गांव के सभी तालाब और नदी गये हैं सुख
Source : News State Bihar Jharkhand